चार सालों तक सरकारी परीक्षा में असफल होने के बाद महज 5 दिन के ट्रेनिंग प्रोग्राम ने गौरव पचौरी का जीवन बदल दिया। रेगिस्तान में मोती उगाकर आज वह लाखों की कमाई कर रहे हैं। इस युवा किसान की सफलता से आपको ही जरूर मिलेगी प्रेरणा।
कम निवेश और कम देखभाल में ज़्यादा मुनाफ़े के लिए मोती की खेती कर रहे अजमेर, रसूलपुरा गांव के 41 वर्षीय रज़ा मोहम्मद ने प्रयोग के तौर पर एक छोटी सी शुरुआत की थी, लेकिन आज वह इससे लाखों कमा रहे हैं।
कम निवेश और कम देखभाल में ज्यादा मुनाफे के लिए मोती की खेती कर रहे अजमेर, रसूलपुरा गांव के 41 वर्षीय रजा मोहम्मद ने प्रयोग के तौर पर एक छोटी सी शुरुआत की थी, लेकिन आज वह इससे लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं।
ओडिशा प्रशासन में 12 सालों तक सेवा देने के बाद डॉक्टर नीना सिंह ने दो साल कॉर्पोरेट सेक्टर में काम किया। अब वह मोती की खेती कर रही हैं और लाखों रुपये कमा रही हैं।
बिहार के पश्चिमी चंपारण में रहने वाले, नीतिल भारद्वाज नौकरी छोड़कर, मोती पालन और मछली पालन कर रहे हैं। उन्होंने 'भारद्वाज पर्ल फार्म एंड ट्रेनिंग सेंटर' के नाम से अपना ट्रेनिंग सेंटर भी शुरू किया है, जहाँ लॉकडाउन में बेरोज़गार हुए लोगों को मुफ्त ट्रेनिंग दी गयी।