मेरठ की सुमिता सिंह जब भी अपने बचपन को याद करतीं, उन्हें असम की हरियाली याद आती। पर यहाँ न आँगन था, न छत! फिर क्या, उन्होंने अपनी छोटी सी बालकनी में ही 300 से ज़्यादा पौधे लगा दिए। आप भी लीजिए उनसे बागवानी के कुछ टिप्स।
कच्छ का भुज शहर, अपनी रेतीली मिट्टी और कम वर्षा के लिए जाना जाता है, लेकिन भुज के गोर परिवार ने एक ऐसा हरा-भरा आशियाना बनाया है, जो पूरी तरह से इको फ्रेंडली है और आत्मनिर्भर है।
“आपको 50 प्रकार की सब्जियों को उगाने के लिए 2×6 वर्ग फुट की बालकनी चाहिए। इसके साथ ही बिना केमिकल वाला आहार, उगाने के लिए कड़ी लगन और मेहनत भी चाहिए।” -डॉ. बिरादर