मंगल पांडे के साथ जब कई और सिपाहियों ने कारतूस इस्तेमाल करने से मना किया, तो अंग्रेजों ने नई सेना बुलवाई। लेकिन उससे पहले ही 29 मार्च 1857 को मंगल पांडे ने अपने कमांडिंग ऑफिसर को गोली मार दी।
बिंदी तिवारी की शहादत के बाद अंग्रेजी हुकूमत की न सिर्फ भारत में बल्कि इंग्लैंड में भी निंदा हुई, और तो और बहुत से भारतीय अफसरों और सैनिकों ने ब्रिटिश सेना छोड़ दी!