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झारखंड की यह शूटर हैं एक मिसाल, 150 कुत्तों को रोज़ाना खिलाती हैं भर पेट खाना 

By कुमार विकास

सोमदूती न सिर्फ इन्हें खाना खिलाती हैं, बल्कि अब तक वह सैकड़ों कुत्तों का इलाज भी करवा चुकी हैं।

झारखंड: लॉकडाउन में 1.44 करोड़ थालियां परोस चुकी हैं सखी मंडल की ये ग्रामीण महिलाएं

By कुमार विकास

झारखंड के 2.46 लाख सखी मंडल से करीब 32 लाख ग्रामीण महिलाएं जुड़ी है, इस शानदार नेटवर्क का उपयोग जिला प्रशासन एवं सरकार के द्वारा दूरस्थ इलाकों तक सामाजिक दूरी, व्यक्तिगत स्वच्छता समेत अन्य जागरुकता संदेश के प्रसार के लिए भी किया जा रहा है ताकि स्थानीय समुदाय तक सही सूचनाएं पहुंच सके।

कोरोना- स्वास्थ्यकर्मियों के लिए इस आईएएस ने बनाए कम लागत वाले 5 उपकरण!

अस्पतालों में मरीजों तक दवा और भोजन पहुंचाने वाले रिमोट कंट्रोल रोबोट से लेकर 30 सेंकेंड में व्यक्ति को डिसइंफेक्ट करने वाले चैंबर तक, जानिए झारखंड के इस आईएएस अफसर ने कोविड-19 से लड़ने के लिए क्या-क्या किया है।

'चावल की चाय' से 'रागी के मोमोज़' तक, झारखंडी खाने को सहेज रही हैं यह महिला!

By निशा डागर

"फ़ास्ट फ़ूड के जमाने में मैं लोगों को 'स्लो फ़ूड सेंटर' का विकल्प दे रही हूँ। जहां रुककर वे अपनी संस्कृति, अपने समुदायों और अपनी जड़ों के बारे में सोच-समझ सकते हैं। हमारी आने वाली पीढ़ी को अपनी संस्कृति पर गर्व होना चाहिए।"

इंजीनियर बना किसान: झारखंड में पुरखों की जमीन को बनाया किसानों की उम्मीद

आज करीब 80 स्थानीय किसान राकेश महंती से जुड़ कर 50 एकड़ ज़मीन पर काम कर रहे हैं। इन किसानों को हर माह निश्चित वेतन के साथ ही लाभ का 10 प्रतिशत दिया जाता है।

ज़रूरतमंद बच्चों का मॉल है रांची का 'महाबाज़ार,' यहाँ बच्चे खरीदते हैं अपनी मनपसंद चीजें!

By निशा डागर

इस संगठन की शुरुआत साल 2014 में दसवीं कक्षा के 4 छात्रों ने की थी और आज लगभग 70 युवा इस संगठन से जुड़े हुए हैं!

#हमराही: नौकरी छोड़ पहुँच गए गाँव, 'साबुन' से बना दिया सैकड़ों महिलाओं को सशक्त!!

By निशा डागर

इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले अनुराग और शिखा ने कॉलेज के दिनों से ही ठान लिया था कि वे आगे चलकर ग्रामीण भारत की तस्वीर बदलने के लिए काम करेंगे!

सरकारी नौकरी छोड़कर उड़ीसा के किसानों की ज़िंदगी बदल रही है यह IIT ग्रेजुएट!

By निशा डागर

'5 एल, यानी कि लर्निंग, लिविंग, लाइवलीहुड, लव और लाफ्टर को एक जगह, एक ही वक़्त पर एक ही काम से, एक साथ यदि आप कहीं महसूस कर सकते हैं तो वह है खेती।'

कभी दिन के रु. 50 के लिए करते थे मजदूरी, आज किसानी से साल का टर्नओवर हुआ 50 लाख!

By मानबी कटोच

द बेटर इंडिया के माध्यम से किसान गंसू महतो सभी किसानों से अनुरोध करते हैं कि यदि उन्हें किसानी में कोई भी समस्या हो, तो वे बेझिझक गंसू जी को फोन कर सकते हैं या उनसे मिलने उनके घर जा सकते है।