IIT खड़गपुर का ई थ्री व्हीलर देश्ला पूरी तरह से स्वदेशी और पर्यावरण के अनुकूल है। चाहे कितना भी उबड़-खाबड़ रास्ता हो, यह ई रिक्शा आपको झटके नहीं खाने देगा।
IIT खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करनेवाले अजित कुमार और सागर कुमार, कहलगाँव में 'Stepupify Labs' के नाम से अपना एक स्टार्टअप चला रहे हैं और इसके तहत उन्होंने किसानों की मदद के लिए 'Farm Surveillance-Cum-Animal Scare' डिवाइस बनाया है।
करोड़ों का राजस्व अर्जित करने वाली टेक्नोलॉजी और इनोवेशन कंसल्टिंग फर्म ‘IPexcel’ की स्थापना के बाद, ओडिशा की मधुमिता अग्रवाल अब अपने पति दिनकर अग्रवाल के साथ, एक इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी ‘OBEN’ का नेतृत्व कर रही हैं।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), खड़गपुर की शोधार्थी प्रोफेसर जयीता मित्रा और साई प्रसन्ना ने खीरे के छिलके से पर्यावरण के अनुकूल पैकेजिंग मैटेरियल बना दिया, जो सौ फीसदी बॉयोडिग्रेडेबल है।
श्रीकांत सिंह ने 2009 में आईआईटी-खड़गपुर से ग्रैजुएशन की डिग्री हासिल की। पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद वैश्विक मंदी के कारण उन्हें नौकरी के लिए संघर्ष करना पड़ा। वह कहते हैं, "मेरी नज़र में, दुनिया मेरे बिना ठीक काम कर रही थी और किसी को भी मेरी वंशावली या पिछले क्रेडेंशियल्स की परवाह नहीं थी। "
स्वदेशी वेंटिलेटर से लेकर प्रोटोटाइप आइसोलेशन वार्डों तक, ये नए इनोवेशन #CoronavirusPandemic के खत्म होने के बाद भी भारत को संक्रमण से निपटने में काफी फायदेमंद साबित होंगे।