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किसानों की मदद के लिए IITians का आविष्कार, जानवरों के घुसते ही सायरन बजाएगा यह डिवाइस

IIT खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करनेवाले अजित कुमार और सागर कुमार, कहलगाँव में 'Stepupify Labs' के नाम से अपना एक स्टार्टअप चला रहे हैं और इसके तहत उन्होंने किसानों की मदद के लिए 'Farm Surveillance-Cum-Animal Scare' डिवाइस बनाया है।

किसान चाहें रासायनिक खेती करें या जैविक खेती, दोनों में ही उन्हें बहुत-सी परेशानियों का सामान करना पड़ता है। क्योंकि कुछ समस्याएं ऐसी होती हैं, जिन्हें बड़े किसान से लेकर छोटे-मझौले किसान तक झेलते आ रहे हैं। ऐसी ही एक समस्या है, जंगली जानवरों द्वारा फसल का खराब किया जाना। देश के लगभग सभी हिस्सों में किसान इस समस्या से जूझ रहे हैं। इसके लिए वे तरह-तरह के इंतजाम करते हैं, लेकिन फिर भी समस्या का निवारण नहीं हो पाता है। लेकिन किसानों की इस समस्या का हल निकाला है, बिहार में भागलपुर जिला स्थित कहलगाँव के रहनेवाले अजित कुमार और उनके साथी सागर कुमार ने। 

IIT खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करनेवाले अजित कुमार और सागर कुमार, कहलगाँव में ‘Stepupify Labs‘ के नाम से अपना एक स्टार्टअप चला रहे हैं। जिसके तहत, वह स्कूल-कॉलेज के छात्रों को रोबॉटिक्स, स्टेम, कोडिंग और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीकें सिखाते हैं और साथ ही, खेती से जुड़ी परेशानियों को हल करने के लिए अलग-अलग डिवाइस बना रहे हैं। कुछ समय पहले, उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर जंगली जानवरों या चोरों को भगाने के लिए एक ‘AI बेस्ड सिस्टम’ बनाया है। अपने इस डिवाइस को उन्होंने, ‘Farm Surveillance-Cum-Animal Scarer‘ नाम दिया है। 

क्या है ‘Farm Surveillance-Cum-Animal Scarer’ डिवाइस 

अजित कुमार बताते हैं, “यह डिवाइस आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस तकनीक पर काम करता है। इसमें दिन और रात, दोनों समय काम करने वाला कैमरा लगा हुआ है। जैसे ही कोई जानवर या इंसान खेत में प्रवेश करता है, तो डिवाइस के कैमरे में उसकी तस्वीरें आने लगती हैं और डिवाइस में लगा अलार्म बजने लगता है। इसके अलावा, इस डिवाइस से खेत के मालिक या किसान को उसके फ़ोन पर भी एक अलर्ट कॉल या मैसेज जाता है। जिससे वह या तो खुद खेत पर आ सकते हैं या किसी और को भेज सकते हैं।” 

IIT Kharagpur Alumni
AI Based Device to protect crops

वह आगे कहते हैं कि इस डिवाइस में आप अपने हिसाब से विकल्प भी तय कर सकते हैं कि आपको अलार्म किसके लिए चाहिए इंसान या जानवर या फिर दोनों के लिए। जैसे दिन में आप जानवरों के लिए विकल्प सेट कर सकते हैं और रात में दोनों के लिए। इसके अलावा, अलार्म में क्या ध्वनि बजेगी, यह भी किसानों के हिसाब से तय किया जा सकता है। किसान अपने हिसाब से अलार्म लगा सकते हैं। यह डिवाइस बैटरी से चलती है और इसमें 12 वोल्ट की बैटरी लगी है, जिसे चार्ज किया जा सकता है। 

अगर किसान चाहें, तो इसमें चार्जिंग के लिए सौर पैनल भी लगवा सकते हैं। एक बार चार्ज होने के बाद बैटरी लगभग दस घंटों तक काम करती है। इस अनोखे डिवाइस के बारे में वह कहते हैं, “इस डिवाइस का ट्रायल हमने अपने खेतों के अलावा, खिरीघाट, लालापुर भदेर में भी कुछ खेतों पर किया है। ट्रायल में 100% तक सफलता मिलने के बाद ही इसे लॉन्च किया गया है। फिलहाल, हमें लगभग 20 किसानों से पायलट प्रोजेक्ट के लिए ‘प्री-ऑर्डर’ मिले हैं। मुझे उम्मीद है कि अगर सबकुछ ठीक रहा और कोरोना के कारण स्थिति नहीं बिगड़ी, तो हम अगले महीने कई खेतों में यह डिवाइस लगा देंगे।” 

वह आगे बताते हैं कि इससे पहले उन्होंने अपने खेतों के लिए एक ‘मल्टीपर्पज मिनी इलेक्ट्रिक वाहन‘ भी बनाया है। इसका उपयोग किसान अपने खेतों में स्प्रे करने के लिए या फिर अपनी उपज को पास की मंडी तक ले जाने के लिए कर सकते हैं। खासकर कि डेयरी फार्म चलाने वाले किसान इसका उपयोग घर-घर दूध पहुंचाने में कर सकते हैं। इसके अलावा, कोरोना काल में सैनिटाइजेशन के काम के लिए भी वह रोबॉट्स डिज़ाइन कर चुके हैं।

IIT Kharagpur Alumni
Different Robots Made by them

बच्चों को सिखा रहे रोबॉटिक्स 

IIT खड़गपुर से पढ़ाई पूरी करने के बाद, अजित कुमार ने टाटा मोटर्स में काम किया। लगभग डेढ़ साल तक टाटा मोटर्स में काम करने के बाद, उन्होंने मुंबई में और दो स्टार्टअप्स के साथ काम किया जो रोबोटिक्स के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। वहीं, सागर ने भी पढ़ाई के बाद भारत पेट्रोलियम कंपनी में काम किया। मार्च 2019 में अजित कुमार ने अपनी नौकरी छोड़ दी। क्योंकि वह अपने इलाके में कुछ करना चाहते थे। उन्होंने कहा, “हमारे यहां बच्चे ज्यादातर सरकारी नौकरियों की तैयारी करते हैं। लेकिन मुझे लगता है कि ये बच्चे तकनीक के क्षेत्र में भी अच्छा कर सकते हैं, अगर उन्हें सही मार्गदर्शन मिले तो वे अच्छा कर सकते हैं।” 

इसी सोच के साथ अजित कुमार ने 2019 में अपनी पत्नी अलका के सहयोग से स्टार्टअप शुरू किया। बाद में, सागर कुमार भी उनके साथ जुड़ गए। 

सागर कुमार कहते हैं, “हम छात्रों को जेईई परीक्षा की तैयारी कराते हैं और साथ ही, उन्हें रोबॉटिक्स, स्टेम, कोडिंग, और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीकें भी सिखा रहे हैं। अपने इंस्टिट्यूट पर हमने लगभग 100 बच्चों को ट्रेनिंग दी है। इसके अलावा, लगभग 10 अलग-अलग स्कूलों में भी बच्चों के लिए वर्कशॉप और सेमिनार कर चुके हैं। इस तरह से अब तक हम लगभग 400 बच्चों को ट्रेनिंग दे चुके हैं।”

IIT Kharagpur Alumni
Teaching Robotics

लेकिन पिछले साल कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण, जब ऑनलाइन क्लास होने लगी तो उन्हें लगा कि वे और भी चीजों पर काम कर सकते हैं। “मैं खुद किसान परिवार से हूँ और हमेशा पिताजी की परेशानियों को समझने की कोशिश करता हूँ। इसलिए सबसे पहले मैंने उनके लिए ही मिनी इलेक्ट्रिक वाहन बनाया और इसका काफी अच्छा नतीजा मिला है। अब दूसरे किसान भी मुझसे इसके लिए संपर्क कर रहे हैं। इसके बाद, किसानों से चर्चा करके जानवरों की समस्या के बारे में पता चला तो उस पर काम किया,” उन्होंने कहा। 

अजित कुमार कहते हैं कि फिलहाल कोरोना महामारी और लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए वह काम कर रहे हैं। लेकिन जैसे ही स्थिति बेहतर होगी, उनकी कोशिश ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुँचने की रहेगी। 

यदि आप अजित कुमार और सागर कुमार से संपर्क करना चाहते हैं तो उन्हें 7011865024 पर कॉल कर सकते हैं। 

संपादन- जी एन झा

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