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गोवा में बंजर ज़मीन पर बना हरा-भरा ईको-फ्रेंडली होमस्टे

65 साल के पेंटा फेराओ पेशे से एक वकील हैं; लेकिन पर्यावरण के लिए उनका लगाव ऐसा है कि उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ गोवा के जंगल में एक बेकार पड़ी ज़मीन पर बना दिया इको-फ्रेंडली विलेज! जो आज प्रकृति का घर है और शहरी लोगों को सस्टेनेबल जीवन के मायने सिखा रहा है।

घर से दूर एक पहाड़ी घर - कुंदन होमस्टे 

पत्थर, लकड़ी और मिट्टी से बना यह पारंपरिक हिमाचली होमस्टे कुंदन सिंह का है। वैसे तो यह उनके पूर्वजों का घर है, लेकिन आज अपनी मेहनत और मेहमान नवाज़ी से कुंदन, उनकी पत्नी और उनके तीन बच्चे, यानी पूरा परिवार इसे बखूबी चला रहे हैं। वे यहाँ देश-विदेश से आने वाले टूरिस्ट्स का स्वागत करते हैं और उन्हें अपने परिवार का ही हिस्सा बना लेते हैं।

आर्मी कपल जिन्होंने बंजर ज़मीन पर बना दिया हरा-भरा होमस्टे

जहाँ कभी केवल कांटें उगते थे, उस ज़मीन पर आज बसा है हरियाली से घिरा देवरा होमस्टे! यह नतीजा है दिल्ली के रहने वाले मेजर दुर्गा दास और उनकी पत्नी ज्योति जसोल की मेहनत और जज़्बे का। 1994 में इस कपल ने अपने सपने को जीने का फैसला किया और आज वे देश-विदेश से आने वाले कई मेहमानों का अपने यहाँ स्वागत करते हैं; उन्हें हेरिटेज कुकिंग सिखाते हैं। इसके अलावा मेहमानों को बर्ड वॉचिंग, विलेज टूर जैसे कमाल के अनुभव कराते हैं।

Rann Of Kutch का यह मिट्टी से बना होमस्टे देता है एकदम देसी अनुभव

कच्छ के रण उत्सव में चार चाँद लगाता यह है Hodka Rann Stay. इसे बनाया है गुजराती भाई भीमजी खोयला ने, जो खुद कलाकारों के परिवार से आते हैं और सस्टेनेबिलिटी व संस्कृति को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं।

पहाड़, झरने, जंगल, नदी.. तीर्थन घाटी में मिट्टी से जुड़ा और मिट्टी से बना एक होमस्टे

क्या आप तीर्थन घाटी में पारंपरिक हिमाचली होमस्टे की तलाश कर रहे हैं? तो आपकी तलाश डाल्टन्स विलेज पर समाप्त होती है, जहाँ आपको शुद्ध हिमाचली और सस्टेनेबल लाइफ के साथ कुछ मजेदार एक्टिवीटीज़ का अनुभव लेने का मौका भी मिलेगा।

अच्छी-खासी नौकरी छोड़ दिल्ली से आ गईं हिमाचल, पुश्तैनी घर को बना दिया ईको-फ्रेंडली होमस्टे

दिल्ली की माधवी भाटिया अच्छी-खासी नौकरी छोड़, हिमाचल आ बसीं और अपने पैतृक घर को एक होमस्टे में बदल दिया। 200 साल पहले पत्थर और मिट्टी से बनाए गए शिमला के सबसे पुराने घरों में से एक सनीमीड होमस्टे यहाँ की प्राचीनता व संस्कृति को दर्शाता है।

कोलकाता से थोड़ी ही दूर बसा है जंगल और तालाब से घिरा यह प्राकृतिक होमस्टे

कोलकाता के नीलांजन चक्रवर्ती ने पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना क्षेत्र में पर्यटकों की मेजबानी के लिए एक ऐसा होमस्टे बनाया है जहाँ कोई भी शहर की भाग-दौड़ वाले ज़िंदगी को भूलकर, शांति और सुकून से समय बिता सकता है।

सौ साल पुराने घरों की मिट्टी और पत्थरों से बना सस्टेनेबल होमस्टे

चूना, लाल मिट्टी, गाय के गोबर और भूसे जैसी चीज़ों से किए गए प्लास्टर और पुरानी मिट्टी से बनी छत तमिलनाडु के सस्टेनेबल होमस्टे 'मुथु नंदिनी पैलेस' को एक अलग लुक और एहसास देते हैं। काफ़ी गर्मी में भी इस होमस्टे का तापमान अंदर से ठंडा बना रहता है।

'जंगल हट': धूप और बारिश के पानी से चलता है नीलगिरी की पहाड़ियों में बसा यह होमस्टे

जंगल के बीच नीलगिरी की खूबसूरत वादियों में बना 'जंगल हट' होमस्टे 1986 से मेहमानों का स्वागत कर रहा है। प्रकृति के बीच रहने के अलावा यहाँ ट्रेकिंग, जंगल सफारी और बर्ड वाचिंग जैसी एक्टिविटीज़ करने भारत के अलग-अलग हिस्सों से लोग ठहरने आते हैं।

पहाड़ पर बसे पुश्तैनी घर को बनाया होमस्टे, लोगों को सिखा रहे हैं सस्टेनेबल लिविंग के तरीके

सस्टेनेबल लिविंग को ध्यान में रखकर Bir Terraces को पारंपरिक पहाड़ी तरीके से बनाया गया है। वादियों में बसे इस घर को बनाते समय एक भी पेड़ नहीं काटा गया और इसे बनाने में रीसाइकल्ड लड़की जैसी प्राकृतिक चीज़ों का ही इस्तेमाल किया गया है।