मिलिए नोएडा के रहनेवाले अक्षय भटनागर से जो पेशे से एक कंप्यूटर इंजीनियर हैं, और काम में काफ़ी बिज़ी होने के बावजूद भी गार्डनिंग के लिए समय निकाल ही लेते हैं। उनके घर की हरियाली देखकर हर कोई चौक जाता है।
सात साल पहले एक दो फूल के पौधे लगाने के बाद खंडवा, मध्यप्रदेश के मुकेश काले को प्रकृति से ऐसा प्यार हुआ कि उन्होंने अपने घर की छत पर ही सुन्दर गार्डन बना लिया, जहां वह सुकून से समय बिताते हैं।
जयपुर में रहने वाले 45 वर्षीय प्रतीक तिवारी ने MNC की नौकरी छोड़ पोर्टेबल फार्मिंग सिस्टम का बिजनेस शुरू किया है, जिसके तहत वह देश के 25 से अधिक शहरों में 1500 से अधिक घरों को खेती से जोड़ चुके हैं।
सूरत की प्रोफेसर डॉ. रेखा मिस्त्री के घर में सालों पहले बस कुछ फूल के ही पौधे थे। लेकिन साल 2016 में उन्होंने टेरेस गार्डनिंग (Terrace Gardening) की शुरुआत की और आज वह अपनी 410 स्क्वायर फ़ीट की छत में 13 औषधीय पौधे, 10 सजावटी पौधे, 10 फलदार पौधे और 12 तरह की सब्जियां उगा रहीं हैं।
जॉन शेरी, केरल के कृषि फार्म इनोवेशन ब्यूरो में असिस्टेंट डायरेक्टर हैं। चलिए उनसे जानें कि घर पर बिना मिट्टी के potting mix बनाकर, टमाटर, लोबिया, भिंडी, करेला, लौकी, मिर्च, बैंगन आदि कैसे उगा सकते हैं।
कोलकाता के CA संतोष मोहता ने, अपनी छत पर बागवानी करने के साथ-साथ, शहरों में हरियाली फ़ैलाने के मकसद से ‘Concern For Earth’ नाम की संस्था भी बनाई है, जहाँ वह free gardening tips देते हैं।