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एक चम्मच इतिहास 'दही वड़ा' का!

मुगलों और उनकी लाइफस्टाइल ने हमारे खान-पान पर गहरा असर छोड़ा। ऐसा माना जाता है कि 18वीं शताब्दी में मुगल खानसामों ने पाचन में सुधार के लिए दही, जड़ी-बूटियों और मसालों का इस्तेमाल करके मुगल रसोई में दही वड़े को तैयार किया था। लेकिन कहानियां और भी हैं.. आइए जानते हैं इस चटपटे व्यंजन का खट्टा-मीठा इतिहास।

एक चम्मच इतिहास 'चीनी' का! 

चीनी यानी शक्कर के दाने भी भारत का ही आविष्कार हैं। माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति गुप्त शासन काल में हुई थी। गुड़ से जब शक्कर बनाई गई तो यह दिखने में सफ़ेद, क्रिस्टल और कंकड़ की तरह थी। इसके इसी रवेदार गुण की वजह से ही इसे 'शर्करा' कहा गया और इसी संस्कृत शब्द से बना है 'शक्कर'।

एक चम्मच इतिहास 'समोसा' का!

आप समोसे को भले ही स्ट्रीट फूड मानें, लेकिन यह उससे बहुत बढ़कर है। समोसा इस बात का सबूत है कि ग्लोबलाइज़ेशन कोई नई चीज़ नहीं है, क्योंकि इसकी पहचान देश की सीमाओं से परे है। कुछ लोग मानते हैं कि समोसा एक भारतीय नमकीन पकवान है, लेकिन इससे जुड़ा इतिहास कुछ और ही कहता है, क्या? आइए जानते हैं-

एक चम्मच इतिहास 'पान' का!

बनारसी पान तो पूरी दुनिया में मशहूर है, लेकिन मद्रासी, कपूरी, सुहागपुरी, रामटेकी, महोवा पान भी कम नहीं। पान का पत्ता चखते ही उसकी क़िस्म के बारे में बता देने वाले महारथी भी देश में कम नहीं हैं। पान का यह पत्ता हमारे खान-पान और संस्कृति के ताने-बाने में कुछ इस तरह से रचा बसा है कि इसे नज़रअंदाज़ करना मुश्किल है। इसे हम आज भी वहीं पाते हैं, जहां यह सदियों पहले था।

एक चम्मच इतिहास ‘लड्डू’ का!

लड्डू को सबसे पहले किसी हलवाई ने नहीं, बल्कि 4th सेंचुरी बीसी में भारतीय चिकित्सक सुश्रुत ने बनाया था और इसे दवाई की तरह इस्तेमाल किया जाता था। कैसे लड्डू ने दवाई से मिठाई का रुप लिया, आइए जानते हैं इसके मज़ेदार इतिहास के बारे में...

एक चम्मच इतिहास ‘आगरा के पेठे’ का!

आगरा का पेठा देश ही नहीं, दुनियाभर में मशहूर है। इसके बनने की कहानी बेहद रोचक है। कई इतिहासकार कहते हैं कि यह मुग़ल बादशाह शाहजहाँ की देन हैं, तो कईयों का मानना है कि मुग़लों के आने के बहुत पहले से हम भारतीय इसे बनाने और खाते आ रहे हैं। पूरा किस्सा पढ़कर बताइए कि आपको क्या लगता है?

एक चम्मच इतिहास ‘काली मिर्च’ का!

छोटी सी दिखने वाली काली मिर्च किचन में और भारत के इतिहास में अपना नाम दर्ज करवा चुकी है। आज हर घर की रसोई में शामिल काली मिर्च का इतिहास 4 हज़ार साल पुराना है।

एक चम्मच इतिहास 'खिचड़ी' का!

ऐसा माना जाता है कि अकबर के दरबार में अबुल फज़ल प्रतिदिन 30 मन खिचड़ी पकाता था और उसके घर से गुज़रने वाला कोई भी व्यक्ति 24 घंटे खिचड़ी का स्वाद ले सकता था। इसी से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि कितना विशाल और पुराना है हमारे देश में खिचड़ी का इतिहास!

समुद्रगुप्त: 'भारत का नेपोलियन' कहा जाने वाला वह राजा, जिन्होंने स्वर्ण युग की नींव रखी

सम्राट समुद्रगुप्त, गुप्त राजवंश के दूसरे राजा थे। ‘भारत का नेपोलियन’ कहे जाने वाले इस शासक को देश में ‘स्वर्ण युग’ का जनक माना जाता है।