मंजू नाथ और उनकी पत्नी गीता ने बेंगलुरु जैसे बड़े शहर में इको फ्रेंडली घर बनाया है। बिजली-पानी के साथ, अपने उपयोग के लिए सब्जियां उगाने के लिए भी वे प्राकृतिक तरीकों का इस्तेमाल करते हैं।
बरहमपुर, ओडिशा में ITI प्रिंसिपल रजत कुमार पाणिग्रही ने ऑक्सीजन सिलिंडर ढोने के लिए विशेष ट्रॉली का निर्माण किया है, जो समय के साथ श्रम और जीवन भी बचाएगी।
दिल्ली के व्यवसायी तरुण बंसल ने अपनी पत्नी सुनैना और दो बेटियों के साथ, छह महीने में 26 हजार किलोमीटर की road Trip की। इस दौरान, वे 15 राज्यों के 300 गावों में घूमे और देश के 500 से अधिक मंदिरों के इतिहास के बारे में जाना।
अहमदाबाद, गुजरात के CA प्रतीक घोडा ने नौकरी छोड़कर ‘Bee Base Pvt Ltd’ नामक Honey Business शुरू किया। उनकी यह कंपनी शहद बेचने के साथ, मधुमक्खियों के संरक्षण के लिए भी काम कर रही है।
जयपुर की अनुपमा तिवाड़ी, पिछले 12 साल से पौधे लगा रही हैं। अब तक उन्होंने 15000 से ज्यादा पेड़-पौधे लगाए हैं। उनके जीवन का लक्ष्य एक लाख पेड़-पौधे लगाना है।
चितले ब्रांड (Chitale Bandhu) के सफर की शुरुआत, महाराष्ट्र के एक गांव से आए भास्कर गणेश चितले द्वारा की गयी थी। डेयरी फार्मिंग से शुरू हुआ यह बिजनेस आज एक बड़ा नाम बन चुका है। डेयरी के साथ मिठाई और इनके अन्य खाद्य उत्पाद देश-विदेश तक पसंद किये जाते हैं।
बीकानेर, राजस्थान के एक छोटे से गाँव में जन्में प्रेमसुख डेलू ने बड़ी कठिनाइयों में अपना बचपन बिताया, लेकिन अपनी कड़ी मेहनत की वजह से आज वह एक IPS अफसर बनकर देश की सेवा कर रहे हैं।
वडोदरा, गुजरात के मोहनलाल चौहान (77) और उनकी पत्नी लीलाबेन (71) ने अपनी 47 साल पुरानी बुलेट में, 30 हजार किलोमीटर की भारत यात्रा की हैं। चार बड़ी और शानदार ट्रिप के दौरान घूमें देश के सभी राज्य।
लक्षद्वीप के रहनेवाले अली मणिकफन सिर्फ सातवीं कक्षा तक ही पढ़ाई की थी। लेकिन, इस साल उन्हें 'ग्रासरूट्स इनोवेशन' की श्रेणी में पद्म श्री से सम्मानित किया गया। जानिए 14 भाषाएँ जानने वाले इस बिना डिग्री के विद्वान की अद्भुत कहानी!