केरल के कोल्लम जिले में कोट्टाराकरा के रहने वाले 41 वर्षीय डॉ. हरि मुरलीधरन, पिछले 10 सालों से अपने खेत में लगभग 800 विदेशी प्रजातियों के फलों के पेड़-पौधे उगा रहे हैं। जिनमें सॉनकोय, अलामा, यूगु, बिगनेय आदि शामिल हैं।
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में रहने वाली 46 वर्षीया ऋतू सोनी, साल 2017 से अपनी छत पर बागवानी कर रही हैं और अपने ‘एबीसी ऑफ़ गार्डनिंग' यूट्यूब चैनल के जरिए, अपने 1.7 लाख से भी ज्यादा सब्सक्राइबर को बागवानी के गुर सिखा रही हैं।
देहरादून के मोथरोवाला में रहने वाली, मालती हलदार ने लॉकडाउन में अपनी नौकरी खोने के बाद, आपदा को अवसर में बदलते हुए, अपने बचपन के सपने को पूरा करने के लिए, 'Mal_Cui' नाम से अपने एक होम किचन की स्थापना की। अब, वह पांच महिलाओं को रोजगार दे रही हैं।
कोलकाता की रहने वाली 65 वर्षीया मंजू देवी पोद्दार और उनकी 21 वर्षीया नातिन, याशी चौधरी ने अगस्त 2020 में अपने मिठाई बिज़नेस, 'नानीज़ स्पेशल' की शुरुआत की थी। जिससे उन्हें मात्र आठ महीने में, चार लाख रुपए की कमाई हुई है।
गुजरात के जूनागढ़ में पिखोर गाँव के रहने वाले, अमृत भाई अग्रावत (75) किसानों के लिए कई तरह के आविष्कार करके, उनकी समस्याओं को हल करते हैं। अपने इन्हीं कार्यों के लिए, उन्हें राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार मिले हैं और उनके एक आविष्कार को पेटेंट भी मिला है।
मुंबई के कांदिवली ईस्ट में रिवियेरा टावर्स में रहने वाले लोगों ने, सोसाइटी के सभी घरों तथा मंदिरों से फूल-पत्तियां एकत्र कर, कुछ बेहद आसन तरीकों से ऑर्गेनिक रंग बनाये हैं। आप जानना चाहेंगे कैसे? तो पढ़िए ये लेख।
गर्मियों के मौसम में, देश के कई इलाकों का तापमान 40 डिग्री को भी पार कर जाता है। जिसका असर न सिर्फ हम लोगों बल्कि पेड़-पौधों पर भी पड़ता है। इसलिए, गर्मियों के मौसम में अपने पेड़-पौधों का ख्याल रखने के कुछ जरूरी टिप्स सीखिए, गार्डनिंग एक्सपर्ट एनेट मैथ्यू से।
रांची, झारखंड की रहने वाली शोभा कुमारी, पिछले 27 सालों से हैंडीक्राफ्ट के क्षेत्र में काम कर रही हैं। अपने संगठन ‘सृजन हैंडीक्राफ्ट्स’ के जरिए, वह हैंडीक्राफ्ट बैग और मिट्टी की गुड़िया जैसी चीज़ें बना रही हैं। उन्होंने अब तक हजार से ज्यादा महिलाओं को निःशुल्क ट्रेनिंग दी है। साथ ही, वह 40 से ज्यादा महिलाओं को रोजगार भी दे रही हैं।
अहमदाबाद, गुजरात में रहने वाले 31 वर्षीय डॉ. दिलीपसिंह सोढ़ा ने, अपनी छत पर पाँच किलोवाट क्षमता वाला सोलर सिस्टम लगवाकर, अपने घर के बिजली बिल को जीरो कर लिया है। इसके साथ ही, वह अपने पिता के साथ मिलकर पौधरोपण, ‘ट्रीगार्ड’ और ‘कार फ्री डे’ जैसी पहलों पर भी काम कर रहे हैं।
पलक कोहली, आरती पाटिल, ज्योति पाटिल और सुवर्णा राज जैसी बेमिसाल महिला एथलीट बनने के लिए, कड़ी मेहनत के साथ-साथ दृढ़ता की भी जरूरत होती है। इन महिला खिलाड़ियों की प्रेरणात्मक कहानियाँ, दृढ़ संकल्प और साहस के साथ जीती गई अनदेखी लड़ाइयों की गवाही हैं।