केरल के कोक्कवड गाँव के रहने वाले जोशी मैथ्यूज के पास 0.25 एकड़ जमीन है, जहाँ उन्होंने जैविक खेती और मछली पालन से लेकर मधुमक्खी पालन की सुविधा भी विकसित कर ली है।
"सिर्फ दो महीने की मेहनत से हमें इतनी उपज मिली कि यह हमारे चार परिवारों के लिए पर्याप्त से भी ज्यादा है। हमें कहीं बाहर से सब्जियां खरीदने की ज़रूरत ही नहीं है, बल्कि दूसरे लोग हमारे यहाँ आकर सब्जियां लेकर जाते हैं।"
भारत के गाँव खुद अपना खाना उगाएं, इसके लिए उन्होंने अपने बेटे के साथ मिलकर एक एक्शन प्लान भी बनाया है, जिसके हिसाब से हर एक गाँव में पांच तरह के किचन गार्डन लगाए जा सकते हैं!
नंदा कुमार ने अपने गाँव में चार डंपिंग यार्ड और दो प्राइमरी स्कूलों की खाली जगहों को मिनी फार्म में बदला है। यहाँ पर उगने वाली सब्ज़ियां गाँव के लोगों द्वारा और मिड डे मील के लिए इस्तेमाल किया जाता है!
इस 279 रुपये की किट में आपको एक बायोडिग्रेडेबल गमला, मिट्टी, जैविक खाद, बीज, दिशा-निर्देश के लिए एक मैन्युअल और ग्रोथ को जांचते रहने के लिए एक चार्ट मिलेगा!