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Grow your own food

0.25 एकड़ पर करते हैं खेती, मछली और मधुमक्खी पालन भी, 5 साल से नहीं गए बाज़ार

केरल के कोक्कवड गाँव के रहने वाले जोशी मैथ्यूज के पास 0.25 एकड़ जमीन है, जहाँ उन्होंने जैविक खेती और मछली पालन से लेकर मधुमक्खी पालन की सुविधा भी विकसित कर ली है।

छत पर केला उगाना है आसान, बस अपनाएं ये तरीके

Grow Banana: केला मूलतः जमीन पर उगाए जाने वाली फसल है, लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं कि किस तरह गमले आदि में भी आप केला उगा सकते हैं।

लॉकडाउन की कहानियाँ: केरल की इस जोड़ी का अनोखा प्रयास, बोतल में उगा डाले धान, जानिए कैसे!

"मुझे खेती - किसानी करने में आनंद मिलता है। मुझे धान उगाने के साथ-साथ मछली पालन और सब्जियों की खेती भी पसंद है। मैं मधुमक्खी पालन भी करता हूँ।” - सैम

केरल: मिलकर सब्ज़ियाँ उगा रहे हैं ये पड़ोसी, चार घरों की हो रही है आपूर्ति!

By निशा डागर

"सिर्फ दो महीने की मेहनत से हमें इतनी उपज मिली कि यह हमारे चार परिवारों के लिए पर्याप्त से भी ज्यादा है। हमें कहीं बाहर से सब्जियां खरीदने की ज़रूरत ही नहीं है, बल्कि दूसरे लोग हमारे यहाँ आकर सब्जियां लेकर जाते हैं।"

83 साल की 'सब्ज़ीवाली दादी' का कमाल, दो गांवों के हर एक घर में लगवा दिया किचन गार्डन!

By निशा डागर

भारत के गाँव खुद अपना खाना उगाएं, इसके लिए उन्होंने अपने बेटे के साथ मिलकर एक एक्शन प्लान भी बनाया है, जिसके हिसाब से हर एक गाँव में पांच तरह के किचन गार्डन लगाए जा सकते हैं!

#गार्डनगिरी: 'खुद उगाएं, स्वस्थ खाएं': घर की छत को वकील ने बनाया अर्बन जंगल!

By निशा डागर

सुमन ने मात्र 4 महीने पहले पेड़-पौधे लगाए थे और आज उनकी छत तरह-तरह की साग-सब्ज़ियों से भरी पड़ी है!

गार्डनगिरी: बालकनी में 30 तरह की सब्ज़ियां उगा रही हैं मुंबई की दीप्ति!

By पूजा दास

इस लेख में दीप्ति हमें कई सारे दिलचस्प सुझाव दे रहीं हैं जिसकी मदद से आप घर में ही मौजूद चीज़ों से एडिबल गार्डन बना सकते हैं।

गार्डनगिरी: न बीज की ज़रूरत, न पौधे की, जानिये कैसे घर पर उगा सकते हैं अपनी फेवरेट सब्ज़ी

By पूजा दास

चटनी के लिए ताजा धनिया चाहिए या फिर सलाद के लिए प्याज? अब आपको इनके लिए बार-बार बाज़ार भागने की ज़रूरत नहीं है बल्कि आप घर पर ही यह सब उगा सकते हैं!

लोगों को खुद अपना खाना उगाना सिखा रहा है यह एमबीए ग्रैजुएट!

By निशा डागर

नंदा कुमार ने अपने गाँव में चार डंपिंग यार्ड और दो प्राइमरी स्कूलों की खाली जगहों को मिनी फार्म में बदला है। यहाँ पर उगने वाली सब्ज़ियां गाँव के लोगों द्वारा और मिड डे मील के लिए इस्तेमाल किया जाता है!

बीजों से लेकर खाद तक, सभी कुछ एक ही किट में!

By निशा डागर

इस 279 रुपये की किट में आपको एक बायोडिग्रेडेबल गमला, मिट्टी, जैविक खाद, बीज, दिशा-निर्देश के लिए एक मैन्युअल और ग्रोथ को जांचते रहने के लिए एक चार्ट मिलेगा!