62 वर्षीय स्मिता सुरेंद्रनाथ ब्लागन ने अपनी सरकारी नौकरी से रिटायर होने के बाद अपने उस सपने पर ध्यान दिया जिसे वह हमेशा से पूरा करना चाहती थीं। उन्होंने गोवा के सिरिदाओ में लेक व्यू रेस्टोरेंट शुरू किया है।
अहमदाबाद का ‘सिस्टर्स किचन' में तीन बहनें मात्र 90 रुपये में भर पेट खाना खिला रही हैं। पढ़ें, कैसे उन्होंने अपने पिता की याद में इस बिज़नेस की शुरुआत की।
इंदौर के अमन पोरवाल अपने स्टार्टअप ‘मॉम्सकार्ट’ के ज़रिए देशभर की हज़ारों महिलाओं को घर बैठे अपने प्रोडक्ट्स देशभर तक पहुँचाने का प्लेटफॉर्म दे रहे हैं।
पंजाब के रहनेवाले दीप सिंह चीमा की नौकरी COVID-19 लॉकडाउन के दौरान चली गई। नौकरी गंवाने के बाद, उन्होंने शेफ रणवीर बरार के YouTube चैनल से कुकिंग सीखकर 'द पिज्जा फैक्ट्री' नाम से एक फूड ट्रक की शुरुआत की और अब हर महीने 2 लाख रुपये कमा रहे हैं।
केरल, कोड़िकोड के दो दोस्त मिधुन और डॉ. सुभाशीष दामोदर, एक सस्टेनेबल जीवन जीने में विश्वास रखते हैं। सालों से वे पर्यावरण के अनुकूल बिज़नेस करने के लिए रिसर्च कर रहे थे और हाल में वे भांग के बीज से मिल्कशेक बना रहे हैं। पढ़े उनके इस अनोखे कैफ़े के बारे में।
गीता पाटिल ने ‘पाटिल काकी’ नाम से एक बिजनेस शुरू किया है, जहां शुद्ध महाराष्ट्रियन व्यंजन बनाए और बेचे जाते हैं। गीता को मुंबई और पुणे से हर महीने हजारों ऑर्डर मिलते हैं। इस बिजनेस से उनकी सालाना कमाई करीब 1 करोड़ रुपये है।
ठाणे में रहनेवाली ललिता पाटिल के पति के बिज़नेस में जब नुकसान होने लगा, तो उन्होंने अपने खाना पकाने के शौक़ को 'घराची आठवण' में बदल दिया। यहां वह घर से दूर रहनेवाले छात्रों और दूसरे कामकाजी लोगों के लिए स्वादिष्ट घर का खाना बनाती और बेचती हैं।
पेशे से सिंगर जामनगर की 37 वर्षीया दुलारी आचार्या ने एक साल पहले मात्र 25 हजार रुपयों के साथ एक फ्रैंकी स्टॉल शुरू किया था और आज वह हर महीने इससे 30 हजार का मुनाफा कमा रही हैं।
मुंबई की हेमांगी और प्रशांत नकवे ने अपने बिज़नेस 'हेमा की वेज रसोई' के जरिए, दो सालों में ही 10 हजार लोगों तक स्वादिष्ट और हेल्दी महाराष्ट्रीयन डिश नए ट्विस्ट के साथ पहुंचाया है।
78 वर्षीया राधा डागा, ‘त्रिगुणी ईज़ ईट्स’ नाम से पैकेज्ड फ़ूड कंपनी चलाती हैं। तक़रीबन 10 साल पहले रिटायरमेंट की उम्र में उन्होंने अपने खाना बनाने के शौक के कारण इस बिज़नेस की शुरुआत की थी।