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flower plants in garden

ढेरों फूलों वाले पारिजात का पौधा लगाना है बेहद आसान, जानें कैसे उगाएं व कैसे रखें ध्यान

By प्रीति टौंक

अगर घर में अच्छी धूप आती है, तो पारिजात का पौधा बिना खाद और देखभाल के ही अच्छा बढ़ेगा और ढेरों फूलों से आपको गार्डन को महका भी देगा। पढ़ें, इसे लगाने और देखभाल से जुड़ी ज़रूरी बातें।

घर बनाने से पहले ही उगाने लगे थे पौधे, आज फूलों की चादर से ढका रहता है इनका घर

By प्रीति टौंक

हरिद्वार के रहनेवाले सुधीर सैनी ने जब 2018 में अपना खुद का घर बनाया, तब उन्होंने घर को सजाने के लिए कई पौधे पहले ही तैयार कर लिए थे। यही कारण है कि उनका घर आज फूलों की बेल से भरा हुआ है।

इस मानसून सीज़न में लगाएं ये पांच फूल, कम देख-रेख में भी गुलजार होगा आपका गार्डन

By प्रीति टौंक

एक्सपर्ट की मानें, तो मानसून में हर एक पौधा बड़ी आसानी से उग जाता है। ऐसे में आप अपने गार्डन में इन पांच फूलों के पौधे ज़रूर लगाएं।

हर रेलवे क्वार्टर को बागवानी से जन्नत बना देते हैं यह अधिकारी, हर साल जीतते हैं इनाम

By प्रीति टौंक

लखनऊ में रहनेवाले रेलवे अधिकारी राजीव कुमार को गार्डनिंग से इतना प्यार है कि आज तक वह जहां भी रहें, वहां ढेरों पौधे लगाते रहें। उन्होंने अपना गार्डन लैंडस्केपिंग करके इतना सुन्दर सजाया है कि उन्हें इसके लिए हमेशा अवॉर्ड भी मिलते रहते हैं।

कबाड़ का बढ़िया उपयोग करके घर के गार्डन को बनाया थीम पार्क, इस बार सजाई बारात की झांकी

By प्रीति टौंक

अंगुल (ओडिशा) की मोनालिसा पटनायक पांच सालों से अपने घर के गार्डन को किसी थीम पार्क की तरह सजा रही हैं। कभी उनका गार्डन शांति का सन्देश देता है, तो कभी शादी की झांकी दिखाता है। मजेदार बात तो यह है कि इसके लिए वह सिर्फ घर की बेकार चीजों का ही इस्तेमाल करती हैं।

कोल माइनिंग इलाके में उगाए सैकड़ों पौधे, सरकारी क्वार्टर को बना दिया फूलों का गुलदस्ता

By प्रीति टौंक

धनबाद में कोल इंडिया के क्वार्टर में रहनेवाली नेहा कच्छप बचपन से ही पौधों के बीच पली-बढ़ीं। नेहा को शादी के बाद, हरियाली की कमी हमेशा खलती थी। लेकिन उन्होंने शिकायत करने के बजाय, माइनिंग एरिया में भी सैकड़ों पौधे लगाकर, कई लोगों को चौंका दिया।

चार साल पहले तक एक पौधा भी नहीं आता था उगाना, आज फूलों की चादर से ढका रहता है इनका घर

By प्रीति टौंक

दिल्ली की पूनम अरोरा और उनका परिवार पिछले छह सालों से प्रदूषण और शहर की भागदौड़ छोड़कर देहरादून आ गए। जगह की कमी के कारण पूनम, शहर में पौधे नहीं उगा पाती थीं, लेकिन आज उनका घर कई रंग-बिरंगे फूलों से भरा है, जिसका सीधा लाभ परिवार के स्वास्थ्य को मिला है।