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0.25 एकड़ पर करते हैं खेती, मछली और मधुमक्खी पालन भी, 5 साल से नहीं गए बाज़ार

केरल के कोक्कवड गाँव के रहने वाले जोशी मैथ्यूज के पास 0.25 एकड़ जमीन है, जहाँ उन्होंने जैविक खेती और मछली पालन से लेकर मधुमक्खी पालन की सुविधा भी विकसित कर ली है।

मध्य प्रदेश: लाखों की नौकरी छोड़ बने किसान, अब “जीरो बजट” खेती कर बचा रहे 12 लाख रुपए

मध्य प्रदेश के विदिशा के रहने वाले संकल्प शर्मा पुणे स्थित भारती विद्यापीठ से एमबीए करने के बाद बैंकिंग सेक्टर में नौकरी कर रहे थे। लेकिन, वह अपने नौकरी से खुश नहीं थे और साल 2015 में नौकरी छोड़, उन्होंने जीरो बजट फार्मिंग शुरू कर दी।

कभी था 30 लाख का कर्ज, अब अंगूर की खेती से हर साल कमातीं हैं 40 लाख

By निशा डागर

महाराष्ट्र ने नासिक में निफाड तालुका की रहने वाली 46 वर्षीया संगीता बोरासते अंगूर की खेती करतीं हैं और उनकी लगभग 50% उपज बाहर के देशों में एक्सपोर्ट होती है!

बिहार: पशुपालन और खेती के अनोखे मॉडल को विकसित कर करोड़ों कमा रहा यह किसान

बिहार के बेगूसराय जिला के कोरैय गाँव के रहने वाले 30 वर्षीय ब्रजेश कुमार पढ़ाई पूरी करने के बाद, सीबीएसई में सीसीई कंट्रोलर के तौर पर काम कर रहे थे। लेकिन, कुछ अलग करने की चाहत में उन्होंने साल 2013 में अपनी नौकरी छोड़ दी।

बेंगलुरु: साग-सब्जियों के साथ केला, अनानास, और सीताफल जैसे पेड़ भी मिलेंगे इनकी छत पर

By निशा डागर

बेंगलुरु में रहने वाली अश्विनी गजेन्द्रन पिछले 3 सालों से अपनी छत पर हर तरह के फल-फूल और साग-सब्जियां उगा रहीं हैं और उन्हें अपने गार्डन से इतनी उपज मिलती है कि वह बाहर से न के बराबर सब्जियां खरीदतीं हैं!

उत्तराखंड के इस किसान के नाम है विश्व का सबसे लम्बा धनिया का पौधा उगाने का रिकॉर्ड

By पूजा दास

उत्तराखंड के गोपाल दत्त उप्रेती के नाम विश्व का सबसे लम्बा धनिया का पौधा (tallest dhaniya plant) उगाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है।

मजदूरों को दिनभर झुककर काम करते देख, बना दी अदरक-हल्दी की सस्ती बुवाई मशीन

By निशा डागर

इन्द्रजीत सिंह की बनाई बुवाई मशीन से किसान कम समय और लागत में अदरक और हल्दी की बुवाई कर सकते हैं!

बिहार: किसानों को लॉकडाउन में सिखाया लेमनग्रास उगाना, उसकी चाय बनाकर कमाएं 2.5 लाख रूपये

By पूजा दास

बिहार के रहने वाले दो भाईयों ने नौकरी छोड़ ‘एग्रीफीडर’ नामक स्टार्टअप शुरु किया है। दोनों भाईयों की यह जोड़ी किसानों को औषधीय पौधों की खेती के लिए प्रोत्साहित करती है ताकि इसका इस्तेमाल मसाला-मिक्स हर्बल चाय में हो और किसान ज़्यादा मुनाफा कमा सकें।

किसानों को उद्यमी बनाने के लिए छोड़ी पत्रकारिता, 2500+ किसानों को दे चुके हैं प्रशिक्षण

झारखंड के देवघर में रहने वाले कृष्ण कुमार कन्हैया ने अपने 20 वर्षों के पत्रकारिता कैरियर ने दौरान, अन्न दाता, समय चौपाल जैसे कई लोकप्रिय कृषि आधारित कार्यक्रमों को चलाया है। लेकिन, जब उन्हें लगा कि किसानों की बेहतरी के लिए उन्हें कुछ अलग पहल करनी चाहिए, उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ी और लग गए किसानों को नई राह दिखाने में।

अनोखे अंदाज में खेती कर परंपरागत खेती के मुकाबले 4 गुना अधिक कमाता है यूपी का यह किसान

यह बात 1991 की है। मेरे पिता जी और चाची जी, दोनों की मौत कैंसर से हो गई थी। उस वक्त मुझे विचार आया कि आधुनिक कृषि तकनीकों की वजह से कई जहरीले रसायन हमारे खान-पान के जरिए शरीर को नुकसान पहुँचा रहे हैं। इसी जद्दोजहद में मैंने शिक्षक की नौकरी को छोड़ प्राकृतिक खेती शुरू कर दी।” - श्याम सिंह