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इस एक शख्स ने व्हाट्सएप और ट्विटर पर, 23 लाख किसानों की उपज बेचने में की मदद, जानिए कैसे

By प्रीति महावर

चंडीगढ़ के एग्री-टेक स्टार्टअप ‘Harvesting’ के फाउंडर और CEO, रुचित गर्ग के ट्विटर हैंडल ‘Harvesting Farmer Network’ के द्वारा करोना महामारी के दौरान, भारत के 23 लाख किसानों को 168 करोड़ रूपये से ज्यादा लागत की फसल की उपज बेचने में मदद मिली।

अमरूद की खेती कर, न सिर्फ कमा रहे लाखों, बल्कि 20+ लोगों को भी दे रहे रोजगार, जानिए कैसे!

गुजरात के मोरबी जिला जिले के जबलपुर गाँव के रहने वाले किसान मगन कामरिया के लिए परंपरागत खेती से अपना घर चलाना तक मुश्किल हो गया था, लेकिन आज वह अमरूद की खेती कर सफलता की एक नई इबारत रच रहे हैं।

मध्य प्रदेश: लाखों की नौकरी छोड़ बने किसान, अब “जीरो बजट” खेती कर बचा रहे 12 लाख रुपए

मध्य प्रदेश के विदिशा के रहने वाले संकल्प शर्मा पुणे स्थित भारती विद्यापीठ से एमबीए करने के बाद बैंकिंग सेक्टर में नौकरी कर रहे थे। लेकिन, वह अपने नौकरी से खुश नहीं थे और साल 2015 में नौकरी छोड़, उन्होंने जीरो बजट फार्मिंग शुरू कर दी।

अनोखे अंदाज में खेती कर परंपरागत खेती के मुकाबले 4 गुना अधिक कमाता है यूपी का यह किसान

यह बात 1991 की है। मेरे पिता जी और चाची जी, दोनों की मौत कैंसर से हो गई थी। उस वक्त मुझे विचार आया कि आधुनिक कृषि तकनीकों की वजह से कई जहरीले रसायन हमारे खान-पान के जरिए शरीर को नुकसान पहुँचा रहे हैं। इसी जद्दोजहद में मैंने शिक्षक की नौकरी को छोड़ प्राकृतिक खेती शुरू कर दी।” - श्याम सिंह

मिलिए ‘मखाना मैन ऑफ इंडिया’ सत्यजीत सिंह से, जिन्होंने बिहार में बदल दी मखाना खेती की तस्वीर

मखाना को सुपरफूड के रूप में जाना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज दुनिया में कुल मखाने का 90 फीसदी उत्पादन बिहार में होता है? बिहार में मखाना खेती को लेकर एक क्रांति की शुरुआत करने वाले सत्यजीत सिंह हैं, जिन्हें ‘मखाना मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से भी जाना जाता है। सत्यजीत आज बिहार में 50 फीसदी मखाना उत्पादन के लिए जिम्मेदार हैं और अनुमान है कि वह अगले 2-3 वर्षों में कुल मखाना उत्पादन में 70 से 75 फीसदी योगदान देने में सफल होंगे।

जलवायु परिवर्तन से नहीं होगा अब किसानों को नुकसान, मदद करेगी ये 'फसल'

By साधना शुक्ला

पेशे से इंजीनियर शैलेन्द्र तिवारी और आनंद कुमार ने एक ऐसा डिवाइस बनाया है जिसकी सहायता से किसानों को पता चल जाता है कि आने वाले 4-5 दिनों में उनके खेत के आसपास का मौसम कैसा होगा।

जुताई के लिए हल और बैल खरीदने के नहीं थे पैसे, तो बना दिया साइकिल को जुताई मशीन

81 वर्षीय गोपाल भिसे ने ज़िंदगी की थकान को कभी खुद पर हावी होने नहीं दिया। उन्होंने छोटे किसानों के लिए साइकिल से जुताई मशीन बनाई, जिससे उनके जैसे किसानों को हल व बैल का एक सस्ता विकल्प मिल गया।

10वीं पास किसान का इनोवेशन, एक घंटे में 300 क्विंटल कंपोस्ट टर्न करती है यह मशीन!

जितेंद्र शुरू से किसानों के लिए कुछ खास करना चाहते थे। शुरुआत में उन्होंने मशरूम की खेती की पर उनका मन इनोवेशन करने में था।