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छुट्टियों में गाँव घुमने आई थी पोती, मात्र 50 दिनों में पलट दी गाँव की काया

By निशा डागर

राजस्थान में अपने दादा-दादी के पास छुट्टियाँ मनाने आई चेष्टा ने जब गाँव में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे देखे तो कुछ करने की ठानी और देखते ही देखते स्वच्छता अभियान शुरू कर दिया!

प्लास्टिक की बेकार बोतलों से गमले, डॉग शेल्टर और शौचालय बनवा रहा है यह 'कबाड़ी' इंजीनियर

By निशा डागर

हरियाणा के हिसार में रहने वाले जतिन शहर के स्कूल-कॉलेज के छात्रों के साथ मिलकर प्लास्टिक वेस्ट के मैनेजमेंट पर काम कर रहे हैं!

हैदराबाद: मंदिरों से फूल इकट्ठा कर उनसे अगरबत्ती, साबुन आदि बना रहीं हैं ये सहेलियाँ

By निशा डागर

हैदराबाद में रहने वाली माया विवेक और मीनल दालमिया, Holy Waste ब्रांड के अंतर्गत फूलों को प्रोसेस करके अगरबत्ती, धूपबत्ती, खाद और साबुन जैसे उत्पाद बना रहीं हैं!

इस बायोगैस प्लांट की वजह से 5000 परिवारों को नहीं पड़ती है LPG की जरूरत, जानिए कैसे !

पुणे स्थित सिस्टेमा बायो कंपनी ने बायोगैस प्लांट विकसित किया है, जिससे गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक के लगभग 5,000 किसानों को एलपीजी की जरूरत नहीं पड़ रही है।

अपनी जेब से पैसे खर्च कर लगाते हैं पौधे, फिर करते हैं उनकी देखभाल, लगाए 70, 000 पेड़

By निशा डागर

पौधे लगाने के लिए या फिर उनकी देखभाल करने के लिए वह किसी से कोई फंडिंग नहीं लेते बल्कि अपनी कमाई का एक हिस्सा इस काम के लिए खर्च करते हैं!

'ठेंगापाली': जानिए कैसे इस एक हथियार से 600 एकड़ जंगलों को बचाया है इस एक शख्स ने

By निशा डागर

आठवीं की पढ़ाई के बाद दामोदर गाँव से बाहर पढ़ने के लिए गए। अपनी पढ़ाई पूरी कर जब वह गाँव लौटे तो उन्होंने देखा कि जहाँ हरे-भरे पेड़ हुआ करते थे, अब वहां सिर्फ ठूंठ हैं। बस उसी दिन से उन्होंने जंगल की रक्षा को ही अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया!

छत्तीसगढ़: 'जल स्टार' वीरेंद्र सिंह के अभियानों से एक नदी, 2 कुंड और 35 तालाब हुए स्वच्छ!

By निशा डागर

जल-अभियानों के साथ-साथ वीरेंद्र छुट्टी वाले दिन गाँव के बच्चों और महिलाओं के साथ मिलकर वृक्षारोपण और स्वच्छता अभियान चलाते हैं!

किसानों के खेतों में मुफ्त में फलों के पेड़ लगा रहे हैं विनोद और उनके साथी!

By निशा डागर

"फर्क इस बात से नहीं पड़ता कि कितने लाख पौधे लगाए गए, बल्कि मायने यह रखता है कि उन लाखों पौधों में से कितने पेड़ के रूप में विकसित हुए।"

इको-टूरिज्म से बर्ड फेस्टिवल तक: पहाड़ों और जंगलों को सहेजता प्रकृति प्रहरी!

By निशा डागर

यहाँ आपको लगभग 200 किस्मों के पेड़-पौधों के साथ-साथ 125 किस्म की तितलियाँ, और 365 किस्म के पक्षी भी देखने को मिलते हैं!