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25 साल की मेहनत से इस दम्पति ने उगाएं 6000 पौधे, बचाए सैकड़ों पक्षी

By प्रीति टौंक

मिलिए, गुजरात के शंखेश्वर इलाके के धनोरा गांव में रहनेवाले बुजुर्ग दम्पति दिनेश चंद्र और देविंद्रा ठाकर से, जिन्होंने अपने रिटायरमेंट होम को बनाया कुदरत का घर।

हरियाली का अनोखा मिशन चला रहे हैं प्रदीप, रिटायरमेंट के बाद लगाए 60 हजार पौधे

By प्रीति टौंक

ओडिशा के प्रदीप कुमार रथ ने रिटायर होने के बाद अपना पूरा जीवन पर्यावरण को समर्पित करने का फैसला किया है। 'परिवेश सुरक्षा अभियान' के ज़रिए उन्होंने गांवों की महिलाओं और बच्चों की मदद से 60,000 से अधिक पौधे लगाए हैं।

गुरसौरभ ने बनाई ऐसी अनोखी किट जो 20 मिनट में किसी भी साइकिल को बना देती है इलेक्ट्रिक वाहन

By पूजा दास

हरियाणा के हिसार के रहने वाले गुरसौरभ सिंह ने एक बेहद अनोखा आविष्कार किया है। उन्होंने एक ऐसी किट बनाई है जिसकी मदद से केवल 20 मिनट में किसी भी साइकिल को इलेक्ट्रिक वाहन में बदला जा सकता है।

इस मरीन इंजीनियर ने सरकारी पार्क में खुद के खर्च पर लगाए 180 किस्मों के 650 से ज्यादा पौधे

By प्रीति टौंक

जम्मू के मरीन इंजीनियर नवजीव डिगरा हमेशा से जहाज पर रहते हुए प्रकृति के पास तो थे, लेकिन प्रकृति में फैले प्रदूषण से भी काफी परेशान थे। तभी उन्होंने अपने शहर के पार्क को हरा-भरा बनाने की ठानी और खुद की मेहनत से इसे एक बायोडायवर्सिटी गार्डन बना दिया।

22 साल से हर रोज़, ड्यूटी शुरू होने से 2-3 घंटे पहले ही आ जाते हैं यह शिक्षक, जानिये क्यों?

By प्रीति टौंक

भरुच (गुजरात) के सरकारी टीचर कमलेश कोसमिया, पिछले 22 सालों से पौधे लगाने का काम कर रहे हैं। अपनी ड्यूटी शुरू होने से पहले, हर दिन दो-तीन घंटे का समय निकालकर वह यह काम करते हैं। उनकी इस मेहनत की वजह से आज स्कूल में हर जगह हरियाली छा गई है।

3 हेक्टेयर जमीन और 70 प्रजाति के लाखों पेड़, कैसे इस रिटायर्ड फौजी ने बदली गांव की किस्मत

उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग के कोटमल्ला गांव के रहनेवाले जगत सिंह चौधरी ने बीते चार दशकों में एक ऐसे मिश्रित वन को विकसित किया है, जिसमें देवदार, बांज, चीड़ जैसे 70 तरह के पांच लाख से अधिक पेड़ हैं। उनकी इस कोशिश से स्थानीय समुदायों को काफी फायदा हो रहा है।

जंगलों से दुर्लभ बीज ला, इस मजदूर ने खोला सीड बैंक, बांटते हैं पूरे भारत में

गुजरात के भावनगर के रहनेवाले मुकेश धापा पेशे से एक बढ़ई हैं, लेकिन बीते चार वर्षों में 3000 से अधिक लोगों को बागवानी में मदद कर चुके हैं।

एक ड्राइवर ने 18 साल लगाकर उगाए 5000 पेड़ और बेकार चीज़ों से बना दिया बच्चों का पार्क

By प्रीति टौंक

राजकोट के पास बसे एक छोटे से गांव मजेठी में रहने वाले जगमलभाई ने अपने खुद के खर्च से एक सुंदर सा Children's park तैयार किया है। सालों पहले उन्होंने मात्र दो पौधे लगाने से शुरुआत की थी, वहीं आज यहां 5000 पेड़-पौधे लगे हैं जिसमें से ज्यादातर पेड़ फलदार हैं।

पक्षियों के लिए समर्पित की दो एकड़ जमीन, आते हैं 93 तरह के पक्षी

By निशा डागर

कर्नाटक में दक्षिण कन्नडा के रहने वाले नित्यानंद शेट्टी और उनकी पत्नी रम्या ने अपनी दो एकड़ जमीन पक्षियों के लिए समर्पित कर दी है। उनके लिए घोंसले, दाना-पानी की व्यवस्था करने के साथ-साथ दूसरों को कर रहे हैं जागरूक।

बेंगलुरु में बनाया मिट्टी का घर, नहीं लिया बिजली कनेक्शन, जीते हैं गाँव जैसा जीवन

By निशा डागर

बेंगलुरु में इको फ्रेंडली घर में रहने वाले चोक्कलिंगम और उनका परिवार पिछले लगभग 14 सालों से अपनी जीवनशैली को प्रकृति के अनुकूल ढालने के लिए प्रयासरत हैं।