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निमिष ने बांटी गणपति की 500 अनोखी मूर्तियां, विसर्जन के बाद देती हैं फल और सब्जियां

By द बेटर इंडिया

एमबीए और एमकॉम की पढाई कर बड़ी कोचिंग में कार्यरत, 25 साल के निमिष गौतम ने गणेश चतुर्थी पर अनोखे इको फ्रेंडली गणेश की 500 मूर्तियां बनाकर लोगों को सवा रुपये में बांटी हैं, जिससे आस्था और पर्यावरण दोनों सुरक्षित रहें।

जब बर्तन भी हो स्वादिष्ट! गेहूं से बने हैं ये प्लेट, कटोरी और चम्मच

By निशा डागर

केरल के एर्नाकुलम में रहने वाले विनय कुमार बालाकृष्णन ने सीएसआईआर- नैशनल इंस्टिट्यूट फॉर इंटरडिसिप्लिनरी साइंस एंड टेक्नोलॉजी (NIIST) के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर गेहूं के चोकर से बायोडिग्रेडेबल सिंगल यूज क्रॉकरी बनाई है।

बिना सीमेंट के बनाया घर, पीते हैं बारिश का पानी, नहाने-धोने से बचे पानी से उगाते हैं सब्जी

By निशा डागर

राजस्थान के डूंगरपुर में रहने वाले सिविल इंजीनियर, आशीष पंडा और उनकी पत्नी, मधुलिका से जानिए एक इको-फ्रेंडली और स्वस्थ जीवन जीने के टिप्स।

वीकेंड पर लेती हैं खाने के ऑर्डर, उन पैसों से खिलाती हैं बेसहारा जानवरों को खाना

By निशा डागर

लुधियाना में रहने वाली रूह चौधरी, पिछले कई सालों से इको-फ्रेंडली तरीकों से अपना जीवन जी रही हैं और साथ ही, वह हर दिन लगभग 75 बेसहारा जानवरों को खाना खिलाती हैं।

फॉरेस्ट अधिकारी, मेधावी कीर्ति की एक पहल से, 10 गुना बढ़ी ग्रामीण महिलाओं की आय

By निशा डागर

उत्तराखंड में भद्रीगाड रेंज में तैनात वन रेंज अधिकारी मेधावी कीर्ति ने ग्रामीण महिलाओं की ट्रेनिंग और उनके बनाये उत्पादों की मार्केटिंग के लिए 'धात्री' पहल की शुरुआत की। जिसकी मदद से ये महिलाएं, आज एक लाख रुपये तक कमा पा रही हैं।

इस आर्किटेक्ट ने 100 साल पुराने स्कूल को दिया नया रूप, सैकड़ों पेड़ों को कटने से बचाया

महाराष्ट्र के नासिक में 100 साल पुराना एक स्कूल है। स्कूल प्रबंधन की इच्छा थी कि स्कूल भवन को तोड़कर फिर से बनाया जाए, लेकिन आर्किटेक्ट धनंजय ने इस स्कूल को न केवल टूटने से बचा लिया, बल्कि इसे फिर से एक नया जीवन भी दिया है।

मिलिए 26 की उम्र में 40 हजार पौधे लगाने वाले उत्तराखंड के इस युवा से

उत्तराखंड के नैनीताल जिला के नाई गाँव के रहने वाले चंदन सिंह नयाल की उम्र कम है, लेकिन उनके इरादे बेहद ऊंचे। चंदन ने जब देखा कि चीड़ और बुरांश के जंगलों में आग लग रही है और जमीन सूख रही है तो उन्होंने अपनी लगन से चामा तोक इलाके में बांज का जंगल तैयार कर दिया।

माँ से 30 हजार उधार लेकर शुरू किया था ऑर्गेनिक खादी ब्रांड, अब 50 लाख का टर्नओवर!

मध्य प्रदेश स्थित KhaDigi जैविक कपास जैसे अन्य प्राकृतिक फाइबर और बांस एवं सोयाबीन के कचरे का उपयोग करता है।

मुफ्त में सिखाते हैं बांस के कूड़ेदान और बर्तन बनाना, ताकि प्रकृति रहे सुरक्षित

दीपेन का मानना है कि यदि लोग यह काम सीखते हैं और शिल्प को आगे ले जाते हैं तो वही सबसे अच्छा शुल्क होगा। वह अपने छात्रों को हर दिन मुफ्त भोजन भी प्रदान करते है।

इस महिला ने मुंबई की 44 सोसाइटी को सिखाया कचरा मैनेजमेंट

कचरा प्रबंधन की प्रणाली में बदलाव लाने के कारण मारिया को स्थानीय गुंडों और निवासियों के विरोध व धमकियों का सामना करना पड़ा।