जंगल के बीच नीलगिरी की खूबसूरत वादियों में बना 'जंगल हट' होमस्टे 1986 से मेहमानों का स्वागत कर रहा है। प्रकृति के बीच रहने के अलावा यहाँ ट्रेकिंग, जंगल सफारी और बर्ड वाचिंग जैसी एक्टिविटीज़ करने भारत के अलग-अलग हिस्सों से लोग ठहरने आते हैं।
मुंबई से लगभग दो घंटे की दूरी पर वासुंडे गाँव में, 100 साल पुराने बरगद के पेड़ के नीचे बना एक इको-फ्रेंडली होमस्टे- बनयान ब्लिस। इसे बनाने के लिए 69 वर्षीय विनोद नायर ने अपनी पत्नी बीना नायर के साथ 15 साल पहले मुंबई का जीवन और नौकरी छोड़ दी थी।
बेंगलुरु के राजीव बालाकृष्णन, आज से 10 साल पहले अपने एक दोस्त को कलरीपयट्टु स्कूल बनाने के लिए ज़मीन दिलाने गए थे, उसी समय उन्होंने खुद के लिए भी एक जमीन खरीदी। आज यह खूबसूरत औरा कलरी ईको फ्रेंडली होमस्टे आकर्षण का केंद्र बन गया है।
दिल्ली के रहनेवाले अनिल चेरुकुपल्ली और उनकी पत्नी अदिति ने शहरी जीवन छोड़, पहाड़ों में एक ऐसा फार्मस्टे बनाया, जिसकी उम्र 100 सालों से भी अधिक है। इसे बनाने में न पेड़ों को काटा गया है और न ही पहाड़ों को।