आयोध्या के रहनेवाले वेद कृष्ण ने अपने पिता के गुजर जाने के बाद ‘यश पक्का’ की बागडोर संभाली। उन्होंने गन्ने की खोई से कप-प्लेट बनाकर किसानों और पर्यावरण, दोनों को फायदा पहुँचाया है।
मध्य प्रदेश के विजय पाटीदार, नीता दीप बाजपेई और अर्जुन पाटीदार ने मिलकर 'गोशिल्प इंटरप्राइजेज' की शुरुआत की है, जिसके जरिए वे गोबर से इको फ्रेंडली मूर्तियां और होम डेकॉर बना रहे हैं।
अहमदाबाद में रहने वाली शिखा शाह अपने स्टार्टअप, AltMat के जरिए कृषि में फसलों के बचने वाले वेस्ट (अपशिष्ट) को प्रोसेस करके, इससे फाइबर, धागे (यार्न) और कपड़ा (फैब्रिक) बना रही हैं। ये सभी उत्पाद पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ-साथ बॉयोडिग्रेडेबल और रीसायकलेबल हैं।
IIT बॉम्बे से मास्टर्स इन डिज़ाइन करने वाले सिद्धांत कुमार दिल्ली में अपना स्टार्टअप, 'Denim Decor' चला रहे हैं। इसके जरिए, वह हर महीने लगभग 1000 पुरानी जीन्स को अपसायकल करके 400 तरह के उत्पाद बनाते हैं।
कोचीन, केरल में रहने वाली दीविया थॉमस ने साल 2008 में पुराने अखबारों से बैग बना कर अपने काम की शुरुआत की थी और आज वह इको-फ्रेंडली बैग के साथ-साथ डिब्बे, कार्ड, पेपर-पेन जैसे उत्पाद भी बना रहीं हैं।