लुधियाना में रहने वाली रूह चौधरी, पिछले कई सालों से इको-फ्रेंडली तरीकों से अपना जीवन जी रही हैं और साथ ही, वह हर दिन लगभग 75 बेसहारा जानवरों को खाना खिलाती हैं।
मदुरई, तमिलनाडु के एक गाँव के रहने वाले मुरुगेसन ने केले के फाइबर की प्रोसेसिंग के लिए एक मशीन बनाई है, जिससे वह हर साल 500 टन फाइबर वेस्ट को प्रोसेस करके बैग, टोकरी, और चटाई जैसे उत्पाद बना रहे हैं। इस उद्यम से लगभग 350 लोगों को रोजगार मिल रहा है।
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