महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना (MKSP) से जुड़कर, झारखंड के पिछड़े गांवों की महिलाएं आत्मनिर्भर बन चुकी हैं। लाख की वैज्ञानिक खेती (lac farming) को अपनाकर कमा रही हैं, 50 हजार से एक लाख रुपये तक का सालाना मुनाफा।
2010 बैच के IRS अधिकारी, सुरेश लखावत के प्रयासों का नतीजा है कि आज, तेलंगाना के एक छोटे से गाँव सर्वापुरम में, सड़क से लेकर स्कूल तक की बेहतर सुविधा है।
साल 2007 में महेश शर्मा ने शिवगंगा संगठन की नींव रखी थी, जिसका उद्देश्य है, 'विकास का जतन!' जल और जंगल के संरक्षण के साथ-साथ यह संगठन यहाँ युवाओं को उद्यमिता का कौशल भी सिखा रहा है!
उत्तर-प्रदेश के जगापुर गाँव में पली-बढ़ी रमा सिंह दुर्गवंशी फिलह मुंबई में एक कंपनी में बतौर डायरेक्टर कार्यरत हैं। लेकिन फिर भी वे अपने पति के सहयोग से Arise N Awake संस्था के ज़रिए गांवों के विकास का कार्य कर रही हैं। उनके प्रयासों से 20 हज़ार से भी ज़्यादा लोगों को लाभ मिला है।
Gujrat के साबरकांठा जिले की जेठीपुरा ग्राम पंचायत देश की आदर्श ग्राम पंचायतों में से एक है। गाँव के सरपंच अहसान अली बट्ट के नेतृत्व में पिछले 7 सालों में बहुत से विकास कार्य हुए हैं। गाँव का अपना कुआ, आरओ प्लांट, मेडिकल स्टोर, अस्पताल आदि हैं।