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Biodegradable

कचरे से कटलरी बनाकर यह कॉलेज ड्रॉपआउट कर रहा लाखों की कमाई

By प्रीति टौंक

केले के पत्ते, इमली के बीज, भूसी और मूंगफली के छिलकों से बायोडिग्रेडेबल कटलरी बनाकर कोयम्बटूर के कल्याण कुमार अच्छी कमाई करने के साथ पर्यावरण भी बचा रहे हैं।

गन्ने की खोई से कप-प्लेट बनाते हैं आयोध्या के कृष्ण, 300 करोड़ का है बिजनेस

आयोध्या के रहनेवाले वेद कृष्ण ने अपने पिता के गुजर जाने के बाद ‘यश पक्का’ की बागडोर संभाली। उन्होंने गन्ने की खोई से कप-प्लेट बनाकर किसानों और पर्यावरण, दोनों को फायदा पहुँचाया है।

जब बर्तन भी हो स्वादिष्ट! गेहूं से बने हैं ये प्लेट, कटोरी और चम्मच

By निशा डागर

केरल के एर्नाकुलम में रहने वाले विनय कुमार बालाकृष्णन ने सीएसआईआर- नैशनल इंस्टिट्यूट फॉर इंटरडिसिप्लिनरी साइंस एंड टेक्नोलॉजी (NIIST) के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर गेहूं के चोकर से बायोडिग्रेडेबल सिंगल यूज क्रॉकरी बनाई है।

लाखों की नौकरी छोड़, किया सैनिटरी पैड बनाने का काम, आदिवासी महिलाओं को दिया सम्मानित जीवन

रांची के रहने वाले वन्या वत्सल और गुंजन गौरव ने अपनी नौकरी छोड़, सेनेटरी पैड बनाने का बिजनेस शुरू किया। इसके तहत उनका उद्देश्य वंचित महिलाओं को एक सम्मानित जीवन और रोजगार का बेहतर साधन देना है।

अमेरिका से लौटकर शुरू की खेती और अब देश-विदेश तक पहुँचा रहे हैं भारत का देसी 'पत्तल'

By निशा डागर

हैदराबाद में रहने वाले माधवी और वेणुगोपाल इको-फ्रेंडली प्लेट और कटोरी बनाने के लिए पलाश और सियाली के पत्तों का इस्तेमाल कर रहे हैं!

इस्तेमाल के बाद मिट्टी में दबाने पर खाद में बदल जाता है यह इको-फ्रेंडली सैनिटरी नैपकिन!

By निशा डागर

फ़िलहाल, भारत में 30 से भी ज्यादा आनंदी पैड्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं जो 12 अलग-अलग राज्यों में फैली हैं। इन सभी यूनिट्स को महिलाओं द्वारा ही चलाया जा रहा है!

कार्टन से स्कूल डेस्क बना रही हैं मुंबई की मोनिशा, हर साल 750 टन कचरा होता है रीसायकल!

By पूजा दास

2012 में, ‘गो ग्रीन विद टेट्रा पैक’ के तहत ‘कार्टन ले आओ, क्लासरूम बनाओ’ अभियान शुरू किया गया था। इस अभियान के तहत, बेकार टेट्रा पैक को रीसायकल कर बेंच बनाया गया और ये बेंच सरकारी स्कूलों को दान दिए गए।