केरल के तुम्बुर के रहने वाले टॉम किरण डेविस लगभग 5 साल पहले दुबई में नौकरी छोड़कर अपने देश लौटे और अपने गाँव में खाली और बंजर पड़ी ज़मीन पर जैविक खेती शुरू की!
केरल के पलक्कड़ जिले में रहने वाले पी. थंकामणि और ए. नारायणन रिटायरमेंट के बाद से अपनी साढ़े सात एकड़ ज़मीन पर 50 तरह के साग-सब्ज़ियाँ और फल उगा रहे हैं!
महाराष्ट्र के मुंबई में रहने वाली मैथिली की कंपनी सूखाग्रस्त क्षेत्रों में पानी की समस्या से जूझ रहे किसानों के लिए सस्ते और टिकाऊ, आर्टिफिशियल तालाब, जलसंचय बना रही है!
बिहार के रहने वाले दो भाईयों ने नौकरी छोड़ ‘एग्रीफीडर’ नामक स्टार्टअप शुरु किया है। दोनों भाईयों की यह जोड़ी किसानों को औषधीय पौधों की खेती के लिए प्रोत्साहित करती है ताकि इसका इस्तेमाल मसाला-मिक्स हर्बल चाय में हो और किसान ज़्यादा मुनाफा कमा सकें।
झारखंड के देवघर में रहने वाले कृष्ण कुमार कन्हैया ने अपने 20 वर्षों के पत्रकारिता कैरियर ने दौरान, अन्न दाता, समय चौपाल जैसे कई लोकप्रिय कृषि आधारित कार्यक्रमों को चलाया है। लेकिन, जब उन्हें लगा कि किसानों की बेहतरी के लिए उन्हें कुछ अलग पहल करनी चाहिए, उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ी और लग गए किसानों को नई राह दिखाने में।