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कड़ी मेहनत और जिद के जरिए स्कीइंग में लहराया परचम, पहाड़ की बेटियों के लिए बनीं प्रेरणा-स्रोत

By Sanjay Chauhan

स्कीइंग को हमेशा से ही पुरुषों का खेल माना जाता रहा। लेकिन वंदना ने स्कीइंग में बर्फीली ढलानों पर हैरतअंगेज करतब दिखाकर कई प्रतियोगिताओं में जीत हासिल की और इस खेल में पुरुषों के प्रभुत्व को चुनौती देकर महिलाओं के लिए उम्मीदों की नयी राह खोली।

पढ़िए, उन जांबाज़ महिला बाइकर्स की कहानियां जिन्होंने बदल दी लोगों की सोच!

ये दूसरी महिलाओं के लिए मिसाल तो बन ही रही हैं, साथ ही उन्हें खुद के सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित भी कर रही हैं!

राजस्थान में उगाये सेब और अनार; 1.25 एकड़ खेत से कमाए 25 लाख!

By मानबी कटोच

अक्सर माना जाता है कि सेब जैसे फल हिमाचल या कश्मीर जैसे ठंडे इलाकों में ही उगते हैं। पर शेखावती फार्म में आजकल एक सेब का पेड़ चर्चा का विषय बना हुआ है।

पिता हुए लाचार, तो उच्च-शिक्षित बेटी बन गयी किसान, कर दी अंगूर की खेती से आय दुगनी!

By मानबी कटोच

डेढ़ साल तक एक सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में काम करने के बाद, उसने 2017 में अपनी नौकरी छोड़ दी और एक बार फिर से खेती संभालने के लिए वापस आ गई।

दुर्गाबाई देशमुख: संविधान के निर्माण में जिसने उठाई थी स्त्रियों के लिए सम्पत्ति के अधिकार की आवाज़!

By निशा डागर

दुर्गाबाई देशमुख, एक महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, जिन्होंने न सिर्फ़ देश की सेवा की, बल्कि कानून की पढ़ाई कर महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाई। साल 1946 में गठित हुई संविधान सभा का वे अभिन्न अंग थीं। इसके अलावा उन्हें भारत में 'सामाजिक कार्यों की जननी' कहा जाता है।

कश्मीर: भारी बर्फ़बारी के बीच भारतीय सेना ने गर्भवती महिला को पहुँचाया अस्पताल!

By निशा डागर

8 फरवरी 2019 को उत्तर-कश्मीर के बांदीपुर जिले में भारतीय सेना ने एक गर्भवती महिला को भारी बर्फ़बारी के बीच उसे अस्पताल पहुँचाया। वे उसे ढाई किलोमीटर तक स्ट्रेचर पर उठाकर लेकर गये और वहाँ से उसे अस्पताल पहुँचाया गया। यहाँ महिला ने जुड़वाँ बच्चियों को जन्म दिया।

उड़ीसा : न स्कूल था न पैसे, फिर भी अपने बलबूते पर किसान की बेटी ने की सिविल सर्विस की परीक्षा पास!

By निशा डागर

रावेनशॉ यूनिवर्सिटी, कटक से पीएचडी कर रहीं संध्या समरत, उड़ीसा के मलकानगिरी जिले के एक छोटे से गाँव सालिमी से हैं। संध्या ने उड़ीसा सिविल सर्विस परीक्षा 2018 में 91वीं रैंक प्राप्त की है। उनका सपना एक प्रशासनिक अधिकारी बनकर अपने जिले और गाँव में विकास करना है।

दिल्ली : अपनी जान जोखिम में डाल कर, ऑटो चालक ने माँ-बेटे को डूबने से बचाया!

By निशा डागर

दिल्ली के पवन शाह नामक एक ऑटो ड्राईवर ने हाल ही में, एक महिला और उसके एक साल के बेटे को पानी में डूबने से बचाया। हालांकि, इन दोनों की जान बचाने में पवन खुद तेज बहाव के साथ बह गये। दक्षिण-पूर्व दिल्‍ली के डीएसपी ने बताया कि इस नेक काम के लिए उनका नाम जीवन रक्षक अवॉर्ड के लिए नामित किया जाएगा।

"बड़े 'परफेक्ट' घर को छोटे-से कमरे के लिए छोड़ा... पर अब मैं आज़ाद हूँ!"

By निशा डागर

मुंबई निवासी एक महिला ने ह्यूमन्स ऑफ़ बॉम्बे को बताया कि कैसे उसने अपने पति की नजरंदाजी के चलते घुटन भरे घर को छोड़ अपनी ज़िन्दगी नए सिरे से शुरू की है। वे अब एक छोटा सा स्टॉल चलाती हैं और एक छोटे से कमरे में किराये पर रहती हैं। पर वे अब खुश हैं।

शांति घोष: वह क्रांतिकारी जिसने 15 साल की उम्र में ब्रिटिश अधिकारी को गोली मारी!

By निशा डागर

शांति घोष भारत के स्वतंत्रता संग्राम की क्रान्तिकारी वीरांगना थीं। उनका जन्म 22 नवंबर 1916 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हुआ था। उन्होंने 15 साल की उम्र में एक अंग्रेजी अधिकारी को गोली मारी थी। उन्होंने अपनी आत्मकथा 'अरुणबहनी' नाम से लिखी। साल 1989 में 28 मार्च को उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली।