महाराष्ट्र के पुणे के जुन्नार तहसील के पिंपरी पेंढार गाँव में किसानों के लिए धनिया की खेती फायदेमंद साबित हुई है। ये किसान धनिये की खेती से लाखों का मुनाफ़ा कमा रहे हैं। पिछले साल तक जहाँ धनिया का एक गुच्छा 5-10 रूपये में मिलता था, वहीं आज उसकी कीमत 30 से 50 रूपये हो गयी है।
साल 2016 में गुजरात के खेड़ा जिले में स्थित ढूंडी गाँव में विश्व की पहली 'सौर सिंचाई सहकारी समिति'- ढूंडी सौर ऊर्जा उत्पादक सहकारी मंडली का गठन किया गया है।
राजस्थान के सीकर जिले से ताल्लुक रखने वाले जगदीश प्रसाद पारीक साल 1970 से खेती कर रहे हैं। पारम्परिक खेती के अलावा वे अपने दो हेक्टेयर खेत में अनार, निम्बू, वुड एप्पल, और गुलाब के साथ-साथ फूलगोभी भी उगाते हैं। उनकी गोभी की खेती के लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में शामिल किया गया है।
महाराष्ट्र के सांगली जिले में अष्टा गाँव के डॉ अंकुश चोरमुले अपनी पहल 'होय आम्ही शेतकरी' के जरिये लाखों किसानों से जुड़कर उनकी मदद कर रहे हैं। वे व्हाट्सअप ग्रुप और फेसबुक पेज के माध्यम से किसानों के लिए लाइव विडियो करते हैं। उन्होंने फसलों के लिए हानिकारक फॉल आर्मी वॉर्म पर अपनी रिपोर्ट दी है।
हरियाणा के जींद जिले के संगतपुरा गांव में जन्मे नीरज ढांडा किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। कंप्यूटर इंजीनियर की डिग्री लेने के बाद नीरज ने अच्छी कंपनी में काम किया। लेकिन साल 2004 में नीरज ने अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर पूरी तरह से खेती करने का निश्चय किया। अब वे 'जंबो' अमरुद की खेती से लाखों में कमा रहे है।
उत्तर-प्रदेश के मेरठ निवासी रोहन प्रकाश भारत के किसी अन्य उद्यमी युवा की तरह है। रोहन उत्तर प्रदेश के एकमात्र किसान हैं जो आर्गेनिक आमों की खेती करते हैं। पिछले तीन सालों में उनके फार्म ने उत्तर भारत के सभी बाज़ारों में अपनी जगह बना ली है। वे अपने फल 'स्योर ऑर्गॅनिक्स' ब्रांड नाम के साथ बेचते हैं।
गुलाम सरवर ने छत पर जो खेत तैयार किया है, उसमें दुर्लभ प्रजाति के मेडिसिनल प्लांट के साथ-साथ सपाटू, शहतूत, 32 मसालों की खुशबू वाला ऑल स्पाइस, नींबू, शो प्लांट, गुलाब के साथ-साथ चायनीज अमरुद समेत हर मौसम की सब्जी आपको मिल जाएगी।
‘द बेटर इंडिया’ के ‘किसान की आवाज’ श्रृंखला में आज हम आपको राजस्थान के झुन्झुनू जिले के चूड़ी अजीतगढ़ गांव की सैर करा रहे हैं। दरअसल हमारे आज के स्मार्ट किसान अखिल शर्मा का ताल्लुक इसी गांव से है। अखिल से सोशल मीडिया के जरिए जुड़ाव होता है और फिर हम आभासी दुनिया से निकलकर बाहर आते हैं और बातचीत होती है।