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घर हो तो ऐसा

कुल्हड़ से बनी छत और लकड़ी-पत्थर के शानदार मकान, ये आठ दोस्त बदल रहे हैं गाँवों की तस्वीर

आर्किटेक्टचर कंपनी कंपार्टमेंट्स एस4 की शुरुआत सीईपीटी, अहमदाबाद के 8 दोस्तों ने मिलकर की। इसके तहत उनका इरादा सस्टेनेबल आर्किटेक्चर के जरिए सामुदायिक विकास को बढ़ावा देना था और महज 3 वर्षों में ही उन्होंने इस दिशा में कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं।

घर से गर्म हवा निकालने के लिए अपनाया परंपरागत तकनीक, गर्मी में भी नहीं पड़ती AC की जरूरत

केरल के कोट्टायम की हरी-भरी पहाड़ियों के बीच त्रावणकोर वास्तुकला के आधार पर बने इस घर में पैसिव कूलिंग तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है, जिसके कारण भीषण गर्मी में एसी की जरूरत नहीं पड़ती है।

मिट्टी-लकड़ी से बना चुकी हैं 250+ घर, देश-दुनिया के आर्किटेक्ट को जोड़ने के लिए शुरू की पहल

सवनीत ने इमारत आर्किटेक्ट के तहत पिछले 26 वर्षों के दौरान मिट्टी, लकड़ी, बांस आदि जैसे प्राकृतिक संसाधनों से 250 परियोजनाओं को पूरा किया है।

पिछले 27 सालों में पानी के लिए एक भी रूपया नहीं चुकाया है विशाखापट्टनम की इस कॉलोनी ने

By पूजा दास

सोसाइटी वालों की इस पहल के चलते उन्हें केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय की ओर से एक लाख रूपए का पुरस्कार भी मिला है।

90% रीसाइकल्ड चीजों से बनाया घर, 20% कम हो गया बिजली का बिल!

चेन्नई के ये दोनों आर्किटेक्ट निर्माण कार्य में रिसाइकिल सामानों के साथ स्थानीय श्रमिक, संसाधन, कला, शिल्प आदि को शामिल करते हैं।