Powered by

Latest Stories

Homeघर हो तो ऐसा

घर हो तो ऐसा

न ईंटों की जरूरत पड़ी, न प्लास्टर की, सिर्फ साढ़े चार महीने और 34 लाख में बन गया घर

By निशा डागर

केरल के वायनाड में मोबिश थॉमस ने LGSFS तकनीक से अपना घर बनवाया है, जिसे तैयार होने में मात्र साढ़े चार महीने लगे।

मिट्टी के 450 कटोरे इस्तेमाल कर बनाई छत, गर्मी में भी नहीं पड़ती AC की जरूरत

By निशा डागर

तमिलनाडु के पुदुकोट्टई जिले के कीरमंगलम में बना इको फ्रेंडली फार्म हाउस 'Valliyammai Meadows' हर तरह से प्रकृति के करीब है।

नहीं लगाया सोलर सिस्टम, फिर भी 30% कम आता है बिजली बिल, जानना चाहेंगे कैसे?

By निशा डागर

बेंगलुरु में रहनेवाले नेत्रावती जे. और नागेश का घर कुछ इस तरह बनाया गया है कि उन्हें एसी, कूलर या हीटर चलाने की जरूरत ही नहीं पड़ती।

पत्थर, मिट्टी के ब्लॉक और कटोरों का इस्तेमाल कर बनाया घर

By निशा डागर

बेंगलुरु के बिद्दप्पा सी बी का घर इको-फ्रेंडली और सस्टेनेबल तरीकों से बना है, जहां भरपूर मात्रा में प्राकृतिक रौशनी और ताज़ी हवा आती है।

Rat Trap Bond तकनीक का इस्तेमाल कर, 25% कम ईंटों व सीमेंट में बनाया इको फ्रेंडली घर

By निशा डागर

केरल के रहने वाले अनूप आरएस ने अपने घर को बनाने के लिए Rat Trap Bond तकनीक का इस्तेमाल किया है, जिसके कारण उनका घर का तापमान संतुलित रहता है।

शहर छोड़ गांव में बनाया मिट्टी का घर, न फ्रिज है, न एसी, न कूलर और न ही बिजली

By निशा डागर

इस घर में न फ्रिज है, न वॉशिंग मशीन, न ही एसी। बिजली के लिए इस्तेमाल करते हैं सौर सिस्टम और करते हैं बारिश का पानी इकट्ठा।

फल-फूल के बगीचे से लेकर सौर ऊर्जा तक, हर संभव तरह से प्रकृति के करीब यह घर

By निशा डागर

भोपाल के डॉ. राजाराम (स्वर्गीय) और उनकी पत्नी, डॉ. बिनय राजाराम ने बहुत ही प्यार से लगभग 20 वर्ष पहले अपना घर बनाया था, जिसमें 40 से ज्यादा पेड़-पौधे हैं और हर साल दो लाख लीटर से ज्यादा बारिश का पानी सहेजा जाता है।

जबलपुर का अनोखा घर: 150 साल पुराने पीपल के पेड़ में घर है या फिर घर में पेड़

By निशा डागर

यह कहानी है मध्य प्रदेश के जबलपुर में रहनेवाले केशरवानी परिवार और उनके Eco friendly tree house की है ,जो 150 साल पुराने पीपल के पेड़ के चारों ओर बना है।