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एक एथलीट और स्पोर्ट्स टीचर; पर अगर आप अमोल के पैरों को देखंगे तो चौंक जायेंगे!

By निशा डागर

महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के रंगोली गाँव के 27 वर्षीय अमोल संखन्ना एक एथलीट, क्रिकेटर और एक स्पोर्ट्स टीचर हैं। बचपन में हुई एक सड़क दुर्घटना में अमोल के दाहिने पैर की पाँचों उंगलियाँ चली गयी और अब वे लगभग 40% विकलांग हैं। उनका सपना पैरा-ओलंपिक में पदक जीतने का है।

रमाकांत आचरेकर : जिनके एक थप्पड़ ने बनाया दिया सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का 'मास्टर ब्लास्टर'!

By निशा डागर

भारतीय क्रिकेट कोच, रमाकांत आचरेकर का 2 जनवरी 2019 को निधन हो गया। मुंबई निवासी आचरेकर को ज्यादातर दादर के शिवाजी पार्क में युवा खिलाड़ियों को क्रिकेट सिखाने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा वे मुंबई क्रिकेट टीम के लिए चयनकर्ता भी रहे। लोग उन्हें सचिन तेंदुलकर के कोच के तौर पर भी जानते हैं।

पिता ने कर्ज़ लेकर बनवाया था क्रिकेट ग्राउंड, बेटी ने नेशनल टीम में सेलेक्ट होकर किया सपना पूरा!

By निशा डागर

अपने डेब्यू मैच में ही उन्होंने साउथ अफ्रीका की टीम के खिलाफ़ 75 रनों की शानदार पारी खेलकर सबका दिल जीत लिया है!

मेजर ध्यानचंद के खेल से प्रभावित होकर हिटलर ने दिया था यह ऑफर!

By निशा डागर

साल 1936 के बर्लिन ओलिंपिक के दौरान मेजर ध्यानचंद के नेतृत्व में भारतीय हॉकी टीम ने जर्मनी को हराया था। उनके खेल से प्रभावित होकर नाज़ी तानाशाह एडोल्फ हिटलर ने उन्हें जर्मन नागरिकता से साथ-साथ जर्मन सेना में एक ऊँचे पद की पेशकश की थी। जिसे ध्यानचंद ने ठुकरा दिया।

शतरंज की वह महिला खिलाड़ी, जिसने पुरुषों को चेस में हराकर बनाई महिलाओं की जगह!

By निशा डागर

महाराष्ट्र के मुंबई से ताल्लुक रखने वाली रोहिणी खादिलकर का नाम शतरंज की दुनिया का वह नाम है जो चेस खिलाडियों के लिए और खासकर कि लडकियों के लिए एक प्रेरणा है। मात्र 13 साल की उम्र में राष्ट्रीय महिला चेस चैंपियन बनने वाली रोहिणी को वुमन इंटरनेशनल मास्टर होने का भी ख़िताब प्राप्त है। 

उत्तर-प्रदेश: बेटियों के लिए पिता ने छोड़ी नौकरी तो माँ ने गिरवी रखे गहने!

By निशा डागर

उत्तर-प्रदेश के नोएडा के रमेश रावत ने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ कर अपना पूरा ध्यान अपनी बेटियों के स्पोर्ट्स पर लगा रखा है ताकि एक दिन वे देश के लिए नेशनल खेलकर गोल्ड मेडल लायें। गीता फोगाट, बबीता फोगाट पर बनी फिल्म 'दंगल' से प्रभावित रमेश रावत कस्टम विभाग में नौकरी करते थे।

घर-घर सिलिंडर पहुंचाने वाले रितेश कुमार, अब खेलेंगे नेशनल एथलेटिक्स में!

By निशा डागर

उत्तर-प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले रितेश कुमार आज सीनियर नेशनल ऐथलेटिक्स प्रतियोगिता में प्रतिभागी हैं। लेकिन उनका यहां तक का सफर बिलकुल भी आसान नहीं रहा है। वे गुड़गांव में एक गैस एजेंसी के लिए घर-घर गैस सिलिंडर पहुंचाने का काम करते हैं। और शाम में प्रैक्टिस के लिए जाते हैं।

7 साल की उम्र में स्केटिंग में जीते हैं 30 से भी ज्यादा मेडल, गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है नाम!

By निशा डागर

महाराष्ट्र के चंद्रपुर में रहने वाले एक कॉलेज लेक्चरर सुभाष यशवंतराव कामदी के 7 साल के बेटे ध्रुव शिशिर कामदी ने स्केटिंग में अब तक 23 स्वर्ण, 6 रजत और 3 कांस्य पदक जीते हैं। उसका नाम गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में भी शामिल है।

कश्मीर के तनाव, गरीबी और समाज के विरोध के बाउंसर्स पर सिक्सर लगा रही है बारामुल्ला की इक़रा!

By निशा डागर

1 सितम्बर 2018 को आयोजित किये गए एक इवेंट 'युथ की आवाज समिट 2018' में 'बरमुल्ला की सुपरगर्ल' इक़रा रसूल ने लोगों को अपने क्रिकेट के साथ अपने सफर के बारे में बताया। जम्मू-कश्मीर के दंगीवाचा क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाली इक़रा का सपना भारतीय महिला क्रिकेट टीम में खेलना है।

पंजाब के छोटे से गाँव से निकल देश भर में पहचान बना रही हैं ये तीन बहनें, पिता हैं ऑटो-ड्राइवर!

By निशा डागर

पंजाब में तरनतारन के मुगलचक्क पनमां गांव से ताल्लुक रखने वाले सरदार सरबंत सिंह की बड़ी बेटी राजविंदर कौर इंटरनेशनल हॉकी खिलाड़ी है। दूसरी बेटी मनदीप कौर राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी तो तीसरी बेटी वीरपाल कौर नेशनल लेवल पर रेसलर है। सरबंत सिंह एक ऑटो-ड्राइवर हैं।