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स्वास्थ्य के नजरिए से हरी सब्जियां खाना बहुत ही उत्तम माना जाता है। हरी सब्जियों में बात अगर लौकी की करें, तो यह आसानी से हर जगह मिल जाती है। साथ ही, बजट के हिसाब से लौकी काफी किफायती भी है। अलग-अलग आकार में उगने वाली लौकी को कई जगहों पर दूधी, घीया, तो कई जगह कद्दू भी कहा जाता है। लोग अगर चाहें, तो इसे आसानी से अपने घर में भी उगा भी सकते हैं। वैसे तो अक्सर बच्चे लौकी खाने से बचते हैं. लेकिन लौकी न सिर्फ बच्चों बल्कि हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है।
लौकी के फायदे जानने के लिए द बेटर इंडिया ने डायटीशियन, रचना अग्रवाल से बात की। हरियाणा के सिरसा में मेट्रो डाइट क्लीनिक चलाने वाली रचना अग्रवाल ने 'न्यूट्रिशनल साइंसेज' में एमएससी की है। खुद का क्लीनिक शुरू करने से पहले वह कई अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों से भी जुड़ीं रहीं।
रचना कहती हैं, "पिछले कुछ समय से, लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हुए हैं। इसके लिए वे अपने खाने-पीने पर भी ध्यान दे रहे हैं। स्वस्थ और फिट रहने की चाह में मेरे पास जो भी व्यक्ति आता है, उसे मैं हमेशा एक संतुलित आहार लेने की सलाह देती हूँ। और इस संतुलित आहार में लौकी को शामिल करना बहुत ही अच्छा है क्योंकि लौकी बहुत ही फायदेमंद सब्जी है।"
रचना का कहना है कि लौकी उन सब्जियों में से एक है, जिनमें बहुत ही कम फैट और कैलोरी होती है। अगर आप 100 ग्राम लौकी ले रहे हैं तो इसमें 12-15 ग्राम कैलोरी होती है। इसलिए अगर कोई वजन कम करना चाहता है तो वे भी लौकी को अपने आहार में शामिल करें।
लौकी के फायदे
रचना कहती हैं, लौकी में 95% से ज्यादा जलीय तत्व होते हैं और इसमें कोलेस्ट्रॉल और फैट्स की मात्रा बहुत कम होती है। इनके अलावा, लौकी फाइबर, विटामिन सी, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, थायमिन और जिंक का भी अच्छा स्त्रोत है। वैसे तो आप किसी भी मौसम में लौकी खा सकते हैं, लेकिन गर्मियों में लौकी खाना बहुत ही अच्छा होता है, क्योंकि इसमें पानी की बहुत अधिक मात्रा है।
- अगर आप वजन घटाने और फिट रहने के लिए एक्सरसाइज करते हैं, तो अपनी डाइट में लौकी का जूस शामिल कर सकते हैं। इसमें फैट और कैलोरी कम होने के कारण, लौकी खाने से आपका वजन बढ़ता नहीं है।
- इसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी बहुत ही कम है, इसलिए यह आपके दिल की सेहत के लिए भी अच्छा है।
- लौकी में कैल्शियम, मैग्नीशियम और जिंक के गुण पाए जाते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं। डायबिटीज के मरीजों के लिए भी लौकी अच्छा है, क्योंकि इसमें कार्बोहायड्रेट की मात्रा कम होती है और फाइबर की ज्यादा।
- रचना कहती हैं कि बहुत सी बीमारियां लोगों के पाचन तंत्र से जुड़ी होती है। अगर आपका पाचन तंत्र अच्छा है, तो आप बहुत सी बिमारियों से बच सकते हैं। लौकी में फाइबर की अच्छी मात्रा होने के कारण ही, यह हमारे पाचन तंत्र को मजबूत करता है। लौकी के सेवन से एसिडिटी की समस्या को दूर किया जा सकता है।
- रचना कहती हैं कि लौकी में जिंक होता है और हम सभी को पता है कि जिंक त्वचा के लिए अच्छा होता है और साथ ही, लौकी के जलीय तत्व हमारी त्वचा को 'डीटॉक्स' करने में मदद करते हैं।
रचना आगे कहती हैं कि लौकी में 'सेडेटिव' गुण होते हैं, जिस कारण लौकी खाने से तनाव भी कम होता है और आपको नींद भी अच्छी आती है। इसलिए हर दिन न सही, लेकिन हफ्ते में तीन-चार बार लोगों को लौकी का सेवन करना चाहिए। लौकी को अपने आहार में शामिल करना बहुत ही आसान है, क्योंकि लौकी से कई तरह के व्यंजन बनते हैं, जैसे जूस, सब्जी, कोफ्ते, हलवा, बर्फी और खीर आदि। हालांकि, आप जो भी चीज खाएं, समय से खाए जैसे जूस का सेवन सुबह करें और बहुत देर रात को खाने से बचें।
लौकी से बना सकते हैं ये व्यंजन
- लौकी चने की दाल
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लोगों को अक्सर लौकी की सादा सब्जी कम पसंद आती है। लेकिन अगर लौकी को चने की दाल मिला कर बनाया जाये तो वह अधिक स्वादिष्ट बनती है। इसे बनाने के लिए आपको लौकी (300 ग्राम), चने की दाल (50 ग्राम/ 1/4 कप), दो टमाटर - एक हरी मिर्च, एक चम्मच अदरक का पेस्ट, एक या दो टेबल स्पून तेल या घी, एक पिंच हींग, जरूरत के हिसाब से जीरा, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, नमक (स्वादानुसार) और बारीक़ कटा हुआ हरा धनिया।
विधि:
- चने की दाल को 2 -3 घंटे पहले पानी में भिगो दें।
- लौकी को छील कर धो लीजिये और चाकू से लौकी को छोटे छोटे टुकडों में काट लीजिये।
- टमाटर, हरी मिर्च और अदरक को मिक्सी से बारीक पीस लीजिये। कुकर में तेल डाल कर गरम कीजिये। हींग और जीरा डाल दीजिये। हींग, जीरा भुनने के बाद, हल्दी पाउडर, धनियां पाउडर और लाल मिर्च पाउडर डाल दीजिये। चमचे से मसाले को चलायें, और पिसा हुआ टमाटर का मिश्रण डाल कर, मसाले को तब तक भूनें जब तक कि उसके ऊपर तेल तैरने लगे। भुने हुये मसाले में लौकी और चने की दाल डाल कर, चमचे से चला कर 2-3 मिनिट तक भूनिये। डेढ़ कप पानी और नमक डाल कर मिला दीजिये, कुकर बन्द कर दीजिये।
- कुकर में 1 सीटी आने के बाद गैस धीमी कर दीजिये, धीमी गैस पर सब्जी को 4 - 5 मिनिट तक पकने दीजिये। गैस बंद कर दीजिये और कुकर में प्रेसर खत्म होने के बाद कुकर खोलिये और सब्जी में हरा धनियां मिला दीजिये।
- आपकी लौकी चने की दाल तैयार है। इसे आप रोटी या पराठे के साथ खा सकते हैं।
- लौकी की बरफी
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घर पर लौकी की बरफी बनाना बहुत ही आसान है। इसके लिए आप एक किलो लौकी, आधा कप घी, 250 ग्राम चीनी, 250 ग्राम मावा, 10-15 काजू के टुकड़े, एक चम्मच पिस्ता पाउडर और एक चम्मच इलायची पाउडर ले लीजिए।
विधि:
- सबसे पहले लौकी को छीलकर, इसके बीच से बीज और गुदा वाला हिस्सा निकाल दें।
- अब लौकी को धोकर कद्दूकस करें। अब कद्दूकस की हुई लौकी को एक कड़ाही में दो चम्मच घी डालकर गैस पर पकने के लिए चढ़ाएं। कड़ाही को ऊपर से ढक दें।
- गैस की आंच धीमी रखनी है। बीच-बीच में आप लौकी को चमचे की मदद से चलाते रहें।
- जब लौकी नरम हो जाए तो इसमें चीनी डालकर इसे पकाएं। थोड़ी-थोड़ी देर में इसे चलाते रहें ताकि यह कड़ाही की तली में लगे नहीं।
- पकी हुई लौकी में बचा हुआ घी डाल दें और इसे अच्छी तरह से भूनें। अब इसमें मावा और मेवे मिला दें।
- इस मिश्रण को थोड़ी देर और धीमी आंच पर पकाएं। कुछ देर बाद जब मिश्रण अच्छे से तैयार हो जाए तो गैस बंद कर दें और मिश्रण में इलायची पाउडर मिला दें।
- अब एक थाली में घी लगाकर इसे चिकना कर लें और सभी तैयार मिश्रण को इस थाली में फैलाएं। इसके ऊपर चाहें तो काजू और पिस्ता के टुकड़े लगा सकते हैं।
- कुछ देर इसे जमने के बाद आप चाकू से बरफी काट लें और सर्व करें।
हालांकि, हमेशा कोशिश करें कि आप ताजा और जैविक लौकी खरीदें। लौकी को इस्तेमाल करने से पहले, खासकर कि जूस बनाने से पहले चेक कर लें कि यह कड़वी तो नहीं है। क्योंकि कड़वी लौकी नुकसानदायक हो सकती है इसलिए इसका सेवन न करें। वैसे तो लौकी सभी के लिए अच्छी होती है लेकिन अगर किसी को लौकी खाने के बाद किसी भी तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
संपादन- जी एन झा
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