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इतवारी घुमक्कड़ी

इस जुनूनी जर्मन आर्टिस्‍ट ने हिमाचल के एक गुमनाम गाँव को विश्व के आर्ट मैप पर दिलायी जगह!

By अलका कौशिक

आर्ट रेज़ीडेंसी के लिए जब कोई फंडिंग, सरकारी या प्राइवेट सहयोग नहीं मिला तो फ्रैंक ने अपने खर्च पर इस पहल को अंजाम देने की ठानी।

छुट्टियों के मज़े के साथ पर्यावरण की रक्षा करते हैं उत्तर-भारत में बसे ये 'होम-स्टे'!

By अलका कौशिक

स्‍वागत है नए दौर में पर्यटन का फलसफा बदलने वाले ऐसे ठौर-ठिकानों में जो जिम्‍मेदार पर्यटन की कहानी के किरदार हैं।

80 बरस के रंगमंच गुरु रिटायरमेंट के बाद अब नेत्रहीन बच्‍चों को सिखाने में जुटे हैं थियेटर के रंग

By अलका कौशिक

दिनभर वर्कशॉप में उन्‍हें तल्‍लीनता से जुटे देखकर यह वाकई सच लगता है कि उम्र बस एक आंकड़ा भर है।

गाँव है या जादू का पिटारा? जहाँ हर घर सदियों से बुन रहा है इक्‍कत की कहानी!

By अलका कौशिक

जब वो गाँव के गाँव, बुनकरों के मकान, उनकी गलियां, उनके करघे और करघों पर बुने जा रहे ख्वाब सामने थे तो मैं उन कारीगरों के हुनर को देखकर श्रद्धामग्न थी।

ख़्वाहिशों के रास्‍ते ज़ायके का सफ़र : 90 साल की उम्र में जताई अपने पैसे कमाने की चाह, आज हाथो-हाथ बिकती है इनकी बर्फियां!

By अलका कौशिक

chandiharh old woman starts business at the at of 93 harbhajan besan barfi. यह कहानी मिसाल है इस बात की, कि कुछ कर गुजरने की उम्र कभी नहीं गुजरती।

उत्‍तराखंड की लिखाई कला – वक्‍़त ने किया क्‍या हसीं सितम!

By अलका कौशिक

आज भी उत्तराखंड के जोशी खुद को गुजरात से, पंत अपने पुरखों को महाराष्ट्र से और पांडेय अपनी जड़ों को उत्तर प्रदेश से जोड़ते हैं।

बरकस : हैदराबाद के सीने में अरब की विरासत!

By अलका कौशिक

असल यमनी पकवानों का लुत्फ उठाना हो तो बरकस चले आइये। रमज़ान में इस बस्ती की रौनक के क्‍या कहने। हलीम और हरीस के जलवे देखते ही बनते हैं और सुलेमानी चाय की चुस्कियों के संग गपशप के लंबे दौर भी और लंबे खिंच जाते हैं!

पुणे की यह छात्रा युवाओं को ले जा रही है नेटफ्लिक्‍स से किताबों की दुनिया में

By अलका कौशिक

शहर में जिस तेजी से शू स्टोर खुलते हैं उतनी रफ्तार से बुक स्टोर नहीं खुल रहे। और पहले जैसी लाइब्रेरी की परंपरा भी चूकने लगी है। लेकिन इस दौर में अक्षता जैसे युवा सब्र का मंज़र दिखाते हैं। वो याद दिलाते हैं कि सब कुछ चूका नहीं है।

जिम कॉर्बेट की वो दुनिया, जहाँ अब भी है शेरलॉक होम्स जैसा रोमांच!

By अलका कौशिक

उत्तराखंड में नैनीताल जिले के जिस हिस्से में मैंने डेरा डाल रखा वहां कॉर्बेट की विरासत के ऐसे कई कालखंड जिंदा हैं। उन्‍हें टटोलने की जिद पाले बार-बार लौट आती हूं इस तरफ। उस दिन भी सफारी की थकान बदन से झाड़कर हम पवलबढ़ फॉरेस्ट रेस्ट हाउस की तरफ चल पड़े थे।