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अनमोल इंडियंस

Inspiring Indians Stories To Motivate From India. \ भारत के उन प्रेरक नायक नायिकाओं की कहानियां, जो अपने काम से भारत को बेहतर से बेहतरीन बनाने में जुटे हैं!

भारत के 2 लाख से भी ज़्यादा ग्रामीण बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं अमरीकी NRI बिस्वजीत नायक

“मेरे कई सहयोगी भारत के लिए कुछ करना चाहते थे। लेकिन उन्हें नहीं पता था कि क्या और कैसे करें। इस मॉडल से मैंने उन्हें दिखाया कि हर कोई अपने तरीके से मोहन भार्गव (स्वदेस में शाहरूख खान की भूमिका) कैसे बन सकता है।”

MDH वाले दादाजी याद हैं? कभी तांगा चलाते थे, पढ़िए कैसे बने मसालों के बादशाह

By पूजा दास

MDH यानी 'महाशियान दी हट्टी' की स्थापना करीब एक सदी पहले 1919 में अविभाजित भारत के सियालकोट क्षेत्र में की गई थी।

माँ की परेशानी देख इस बेटे ने बना दिया एक घंटे में 200 चपाती तैयार करने वाला रोटीमेकर

बोम्मई ने एक ऐसा कोयला स्टोव भी तैयार किया है, जो परंपरागत कुकिंग के तरीकों के मुकाबले 80 फीसदी कम प्रदूषण उत्पन्न करता है।

छत्तीसगढ़: 'जल स्टार' वीरेंद्र सिंह के अभियानों से एक नदी, 2 कुंड और 35 तालाब हुए स्वच्छ!

By निशा डागर

जल-अभियानों के साथ-साथ वीरेंद्र छुट्टी वाले दिन गाँव के बच्चों और महिलाओं के साथ मिलकर वृक्षारोपण और स्वच्छता अभियान चलाते हैं!

उस शख्स की कहानी जिसने सतपुड़ा के जंगलों को टूरिस्ट स्पॉट में बदल डाला!

पवन सतपुड़ा के जंगलों में अनेक प्रकार की अड्वेंचर एक्टिविटी चलाते हैं जिसमें ट्रेकिंग, कैंपिंग, रिवर वाल्किंग, स्टार गेजिंग, बाइकिंग आदि शामिल हैं। पवन ने यहाँ पातालकोट और तामिया में लगभग 12 ट्रेक ख़ुद ढूँढ निकाले हैं।

गंदा नाला बन चुकी नदी से निकाला 100 ट्रक से ज्यादा कूड़ा, ढूंढा नदी का उद्गम स्थल!

By निशा डागर

शिप्रा नदी के संरक्षण कार्य में वह अब तक अपनी जेब से लगभग 11 लाख रुपये खर्च कर चुके हैं!

पिंजरे साफ़ करते-करते बन गया रक्षक, 200+ जानवरों को बचा चुका है यह युवक!

By निशा डागर

प्रसन्ना और उनकी टीम के प्रयासों से ही शहर में चायनीज मांझे के प्रयोग पर रोक लगी और साथ ही, उन्होंने लोगों को वन्यजीव-जंतुओं के प्रति जागरूक करने के लिए भी अभियान चलाए हैं!

एक डॉक्टर, जिन्होंने मुंबई की चकाचौंध छोड़, चुनी बिहार के गाँव में ज़िंदगियाँ बचाने की राह!

By रोहित मौर्य

गाँव के अस्पताल में नर्सों को ट्रेनिंग देने से लेकर खुद झाड़ू लगाने तक, डॉ तरु ने पूरा कायाकल्प किया जिसके लिए अस्पताल को दो बार अवार्ड भी मिला।

इस भारतीय फिल्म में पहली बार चली थी सेंसर की कैंची, स्वदेसी कैमरे से बनी थी फिल्म!

By पूजा दास

भारत के अग्रणी फिल्म निर्माताओं में से एक नाम बाबूराव पेंटर का है जिनका हमारे फिल्म उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। फिल्म उद्योग में उनका वह योगदान है जिसके बगैर आज कोई फिल्म बनाने की कल्पना भी नहीं कर सकता है। सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि बाबूराव पेंटर कई महत्वपूर्ण काम उस समय किए थे जब न को इंटरनेट था, ना ही फिल्म स्कूल थे और ना ही किसी तरह का कोई मार्गदर्शन था।

किसानों के खेतों में मुफ्त में फलों के पेड़ लगा रहे हैं विनोद और उनके साथी!

By निशा डागर

"फर्क इस बात से नहीं पड़ता कि कितने लाख पौधे लगाए गए, बल्कि मायने यह रखता है कि उन लाखों पौधों में से कितने पेड़ के रूप में विकसित हुए।"