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Indian Jugaad | Sustainable Innovations | Inspiring Innovations \ \ भारतियों के वे जुगाड़, जो बन गए आविष्कार और बदली तस्वीर! \ \  

500 रुपये और एक पुरानी साइकिल, इस इनोवेशन से उठा सकते हैं भारी से भारी गमला

By निशा डागर

जितेंद्र की पत्नी अर्चना को एक दिन गमला उठाते समय चोट आ गई थी और गमला भी टूट गया। इस घटना के बाद उन्होंने इस बारे में कुछ करने की ठानी!

बिहार की बाढ़ से प्रभावित, 10वीं पास बुज़ुर्ग ने बना दी पानी पर चलने वाली साइकिल

61 वर्षीय सैदुल्लाह सालों से पंक्चर बनाने का काम करते हैं और आविष्कारों के जूनून में अपनी 40 एकड़ ज़मीन भी बेच चुके हैं।

10 लाख घरों को धुएं से बचा रहा है इन MBA ग्रैजुएट्स का एक आविष्कार, 'ग्रीन-चूल्हा'

By निशा डागर

इस प्रोडक्ट को डिज़ाइन करने से पहले इन युवाओं ने देश के उन सूदूर इलाकों का दौरा किया, जहां मिट्टी के चूल्हे इस्तेमाल होते हैं!

गुजरात के इस किसान ने किए हैं तीन आविष्कार, भारत और अमेरिका में मिला पेटेंट

By निशा डागर

जुताई-बुवाई से लेकर निराई-गुड़ाई तक, मनसुखभाई के बनाए इस छोटे ट्रैक्टर से करें सभी काम!

2 लाख रुपये प्रति किलो: असम के इस वैज्ञानिक से सीखिए ये जादुई मशरूम उगाने का तरीका

असम की बोडोलैंड यूनिवर्सिटी में बतौर प्रोफेसर काम करने वाले डॉ. संदीप दास ने इस तरह के मशरूम की खोज जंगलों से की है।

डीजल वाले से 1 लाख रुपये सस्ता है यह नया ई-ट्रैक्टर, एक चार्जिंग में चलेगा 75 किमी तक

By निशा डागर

सामान्य तौर पर डीज़ल ट्रैक्टर को एक घंटे चलाने का खर्च 150 रुपये आता है जबकि ई-ट्रैक्टर का यह खर्च मात्र 20-25 रुपये प्रति घंटा पड़ेगा!

माँ की परेशानी देख इस बेटे ने बना दिया एक घंटे में 200 चपाती तैयार करने वाला रोटीमेकर

बोम्मई ने एक ऐसा कोयला स्टोव भी तैयार किया है, जो परंपरागत कुकिंग के तरीकों के मुकाबले 80 फीसदी कम प्रदूषण उत्पन्न करता है।

कमाल का किसान: पहले बनाई मक्का के दाने निकालने की मशीन और फिर मक्का से बनाया दूध

By निशा डागर

मक्के की प्रोसेसिंग में इसके दाने निकालना सबसे मुश्किल काम है। इसलिए मैंने सबसे पहले यह मशीन बनाई, जिसकी लागत 20 हज़ार रुपये आई है। चीन में ऐसी ही मशीन ढाई लाख रुपये से ज्यादा कीमत की है।

600 से अधिक देशी बीज किए विकसित, 9वीं पास किसान ने तोड़े कई विश्व रिकॉर्ड।

"मैं देश के अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचना चाहता हूं और किसी कार्पोरेट या एमएनसी पर निर्भरता के बिना अधिक पैदावार में उनकी मदद करना चाहता हूँ।” -जय प्रकाश सिंह