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Indian Jugaad | Sustainable Innovations | Inspiring Innovations \ \ भारतियों के वे जुगाड़, जो बन गए आविष्कार और बदली तस्वीर! \ \  

तीन साल तक चलने वाला यह बांस का टिफ़िन बॉक्स आपके बच्चों के लिए बन सकता है हेल्दी ऑप्शन

By निशा डागर

इस सस्टेनेबल टिफिन बॉक्स में आप गर्म और ठंडा, दोनों तरह का खाना स्टोर कर सकते हैं!

IIT मद्रास के पुर्व छात्र ने बनाया अनोखा अस्पताल, फोल्ड करके कहीं भी ले जा सकते हैं

By निशा डागर

“किसी भी महामारी से लड़ने के लिए ज़रूरी है कि हमारे पास बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं हों। शहरों में तो फिर भी यह सुविधा है लेकिन गांवों में नहीं।” - श्रीराम रविचंद्रन

एक घंटे में निकालिए 200 से ज्यादा गन्ने के बीज, इस यंत्र की कीमत है मात्र 2000 रुपये

By निशा डागर

इस मशीन से गन्ने के बीज निकालने से गन्ने की बर्बादी नहीं होती। आप बीज निकालने के बाद गन्नों को सुगर मिल में बेच सकते हैं!

इसरो की नौकरी छोड़ किसानों के लिए बना रहे हैं मशीनें ताकि खेती हो सके आसान!

By रोहित मौर्य

नितिन किसानों की आर्थिक स्थिति का ध्यान रखते हुए ऐसे उपकरण बनाते हैं जिससे किसान एक ही सीजन में उसकी कीमत निकाल लें।

आंध्र-प्रदेश के राजेंद्र प्रसाद का अनोखा आविष्कार, मटके को बिना छुए निकाल सकते हैं पानी!

By निशा डागर

राजेंद्र प्रसाद का उद्देश्य 'प्रॉब्लम टू प्रोडक्ट' है यानी कि समस्यायों पर बहस करते रहने की बजाय उनका समाधान ढूँढना!

दसवीं पास गुजराती किसान का कमाल, बनाया सस्ता और टिकाऊ थ्री व्हीलर Sanedo Tractor

By निशा डागर

उपेंद्रभाई के मुताबिक, गुजरात में लगभग 20 हज़ार किसान उनका यह ट्रैक्टर इस्तेमाल कर रहे हैं!

चीड़ पेड़ के पत्तों से बिजली उत्पादन कर महीने के लगभग 45 हज़ार रुपये कमा रहा है यह शख्स!

By निशा डागर

शेखर बिष्ट के मुताबिक, वह हर दिन 250 यूनिट्स बिजली बना रहे हैं, जिसे वह 7.54 रुपये प्रति यूनिट की दर से उत्तराखंड पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड कंपनी को बेच रहे हैं!

नारियल किसानों के लिए आय का नया जुगाड़, बनाई एक मिनट में पानी ठंडा करने वाली सस्ती मशीन!

विनोद के इस आविष्कार के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

यूपी के शख्स ने बनाई गोबर से लकड़ी बनाने वाली मशीन, प्रति माह 8000 की आय का हुआ जुगाड़!

By पूजा दास

सिंह कहते हैं, "गोबर से लकड़ी बनाकर हम न केवल अपशिष्ट प्रबंधन कर रहे हैं बल्कि लकड़ी का एक बढ़िया विकल्प बनाने में भी मदद कर रहे हैं।"

इस भारतीय फिल्म में पहली बार चली थी सेंसर की कैंची, स्वदेसी कैमरे से बनी थी फिल्म!

By पूजा दास

भारत के अग्रणी फिल्म निर्माताओं में से एक नाम बाबूराव पेंटर का है जिनका हमारे फिल्म उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। फिल्म उद्योग में उनका वह योगदान है जिसके बगैर आज कोई फिल्म बनाने की कल्पना भी नहीं कर सकता है। सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि बाबूराव पेंटर कई महत्वपूर्ण काम उस समय किए थे जब न को इंटरनेट था, ना ही फिल्म स्कूल थे और ना ही किसी तरह का कोई मार्गदर्शन था।