कच्छ की रहने वाली राजीबेन वनकर प्लास्टिक वेस्ट से अलग-अलग प्रोडक्ट्स बनाती हैं। कभी मजदूरी करने वाली राजी बेन आज 30 से 40 महिलाओं को रोज़गार दे रही हैं।
अहमदाबाद की पायल पाठक अपने बेटे सोहम के साथ मिलकर हेल्दी सलाद का बिज़नेस चलाती हैं। घर की रसोई से शुरू हुआ उनका यह बिज़नेस शार्क टैंक इंडिया के मंच पर पहुंचकर तीन सौ गुना बढ़ गया।
'Big Choice Harissa' श्रीनगर के डाउनटाउन में मौजूद वह दुकान है, जो 200 सालों से कश्मीरी जायके वाला हरीसा परोस रही है। इसे 85 वर्षीय गुलाम मोहम्मद और उनके बेटे जहूर अहमद भट साथ मिलकर चला रहे हैं।
पानीपूरी खाते समय कैलोरी और हाइजिन की चिंता से परेशान होकर दिल्ली की तापसी उपाध्याय ने शुरू कर दिया खुद का पानीपूरी बिज़नेस। उनकी बिना तेल की बनी पूरी और मिनरल वॉटर से बना पानी लोगों को खूब पंसद आ रहा है।
90 साल की उम्र में भी लक्ष्मी अम्मल, मेहनत करने से नहीं डरतीं। उन्होंने अपनी 72 साल की बेटी के साथ मिलकर पिछले साल ही चेन्नई के पास 'वक्साना फार्म स्टे' की शुरुआत की है।
पहाड़ों के स्वाद को देशभर तक पहुंचाने के लिए उत्तराखंड की शशि बहुगुणा रतूड़ी ने 'नमकवाली' की शुरुआत की थी, जिसके ज़रिए वह 'पिस्यु लूण' यानी पहाड़ी नमक को सिलबट्टे पर पीसकर दुनिया भर तक ले गईं और बना दिया इसे एक ब्रांड।
मुंबई के रहनेवाले अथर्व ने IHM (इंस्टिट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट) से अपनी पढ़ाई पूरी की और एक होटल में नौकरी करने लगे। लेकिन फिर आया कोविड, महामारी के कारण देश में लॉकडाउन लगा दिया गया और अथर्व की नौकरी चली गई। उसके बाद अथर्व ने जो किया वह हम सबके लिए प्रेरणादायी है।