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प्रेरक बिज़नेस

दिव्यांग हैं पर निर्भर नहीं! खुद सीखी कला और नारियल के बेकार खोल को बना लिया आय का ज़रिया

By प्रीति टौंक

ओडिशा के सब्यसाची पटेल पहले थर्माकॉल, फल-सब्जियों में नक्काशी का काम करते थे। वहीं लॉकडाउन में, उन्होंने नारियल के खोल से प्रोडक्ट्स बनाना शुरू किया, जिन्हें वह ऑनलाइन बेच रहे हैं।

दिल्ली: 1.25 लाख की नौकरी छोड़, इंजीनियर दंपति ने शुरू किया 'चाऊमीन का ठेला'

दिल्ली के मोहित और महक अरोड़ा ने अपने सपनों को पूरा करना के लिए जमी-जमाई कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ दी। आज उनका साधारण सा फूड स्टॉल ‘बॉस कैफे’ असाधारण खाने की वजह से लोगों के बीच खासा लोकप्रिय हो रहा है।

पकौड़े वाले ने बनाई ऐसी मशीन, 10 मिनट में बन जाती हैं एक किलो भजिया

By निशा डागर

छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव के गुठला में अपना मुंगोड़ी सेंटर चलाने वाले बसंत कुमार ने एक मुंगोड़ी/भजिया मेकिंग मशीन बनाई है।

जेब में बचे आखिरी 300 रुपये से शुरू किया 'बिनधास्त वड़ापाव' बिजनेस, 1 साल में हुआ मशहूर

By प्रीति टौंक

माता-पिता को खोने और लॉकडाउन में नौकरी जाने के बाद, मुंबई (डोम्बिवली) के ओमकार गोडबोले ने घर से ही ऑनलाइन ऑर्डर्स के जरिए वड़ापाव बेचना शुरू किया। पढ़ें, कैसे यह बिजनेस साल भर में ही हिट हो गया।

आंखों से देख नहीं पातीं, पर हाथ में है ऐसा जादू कि देशभर में हैं उनके प्रोडक्ट्स के दिवाने

By प्रीति टौंक

त्रिशूर की गीता सलिश को खाना बनाना बेहद पसंद है। कोरोना के दौरान उन्होंने अपनी पाक कला को बिज़नेस में बदलने का फैसला किया। आज उन्हें देशभर से ऑर्डर्स मिल रहे हैं।

कला से बदली कचरे की सूरत, मज़दूर महिला ने खड़ा किया अपना ब्रांड, दूसरों को भी दिया रोज़गार

By प्रीति टौंक

कच्छ की रहने वाली राजीबेन वांकर प्लास्टिक वेस्ट से बनाती हैं अलग-अलग प्रोडक्ट्स। कभी मजदूरी करने वाली इस महिला ने कैसे शुरू किया खुद का ब्रांड। जानना चाहेंगे?

150 रुपए से हुई थी सफर की शुरुआत, आज मुंबई में चलाती हैं 3 जाने-माने ब्यूटी सैलून

By निशा डागर

मुंबई में रहने वाली संगीता पारीख पिछले 25 सालों से बतौर ब्यूटिशियन काम कर रही हैं और आज उनके शहर में तीन सैलून हैं।

MBA ग्रैजुएट का अनोखा बिज़नेस मॉडल, कुल्हड़ के दूध से खड़ा किया लाखों का कारोबार

By निशा डागर

हरियाणा के रोहतक में बागड़ी मिल्क पार्लर चला रहे प्रदीप श्योराण MBA ग्रैजुएट हैं और उन्होंने अपनी लाखों के पैकेज की नौकरी छोड़ मिल्क प्रोसेसिंग का बिज़नेस शुरू किया है।

शौक के लिए नदी किनारे पड़े पत्थरों से बनाते थे क्रिएटिव चीजें, वही हुनर बना कमाई का जरिया

By प्रीति टौंक

महाराष्ट्र के परभणी जिले के एक छोटे से गांव वाजुर के रहनेवाले प्रल्हाद पवार, नदी के किनारे पड़े पत्थरों से कई रचनात्मक कलाकृतियां बनाते हैं। उनकी यह कला आज जिले की शान बन गई है।

गोबर बना गांव की 25 महिलाओं के रोजगार का जरिया, घर बैठे बनाती हैं इससे दीये और गमले

By प्रीति टौंक

दिल्ली के अनीश और अल्का शर्मा ने अपनी दोस्त पूजा पूरी के साथ मिलकर, पिछले डेढ़ साल से बागपत जिला की महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के काम में लगे हैं। वे अपने NGO PKU CARE FOUNDATION के तहत इन महिलाओं और उनके बच्चों को शिक्षा और वोकेशनल ट्रेनिंग से से भी जोड़ रहे हैं।