ओडिशा के सब्यसाची पटेल पहले थर्माकॉल, फल-सब्जियों में नक्काशी का काम करते थे। वहीं लॉकडाउन में, उन्होंने नारियल के खोल से प्रोडक्ट्स बनाना शुरू किया, जिन्हें वह ऑनलाइन बेच रहे हैं।
दिल्ली के मोहित और महक अरोड़ा ने अपने सपनों को पूरा करना के लिए जमी-जमाई कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ दी। आज उनका साधारण सा फूड स्टॉल ‘बॉस कैफे’ असाधारण खाने की वजह से लोगों के बीच खासा लोकप्रिय हो रहा है।
माता-पिता को खोने और लॉकडाउन में नौकरी जाने के बाद, मुंबई (डोम्बिवली) के ओमकार गोडबोले ने घर से ही ऑनलाइन ऑर्डर्स के जरिए वड़ापाव बेचना शुरू किया। पढ़ें, कैसे यह बिजनेस साल भर में ही हिट हो गया।
त्रिशूर की गीता सलिश को खाना बनाना बेहद पसंद है। कोरोना के दौरान उन्होंने अपनी पाक कला को बिज़नेस में बदलने का फैसला किया। आज उन्हें देशभर से ऑर्डर्स मिल रहे हैं।
कच्छ की रहने वाली राजीबेन वांकर प्लास्टिक वेस्ट से बनाती हैं अलग-अलग प्रोडक्ट्स। कभी मजदूरी करने वाली इस महिला ने कैसे शुरू किया खुद का ब्रांड। जानना चाहेंगे?
हरियाणा के रोहतक में बागड़ी मिल्क पार्लर चला रहे प्रदीप श्योराण MBA ग्रैजुएट हैं और उन्होंने अपनी लाखों के पैकेज की नौकरी छोड़ मिल्क प्रोसेसिंग का बिज़नेस शुरू किया है।
महाराष्ट्र के परभणी जिले के एक छोटे से गांव वाजुर के रहनेवाले प्रल्हाद पवार, नदी के किनारे पड़े पत्थरों से कई रचनात्मक कलाकृतियां बनाते हैं। उनकी यह कला आज जिले की शान बन गई है।
दिल्ली के अनीश और अल्का शर्मा ने अपनी दोस्त पूजा पूरी के साथ मिलकर, पिछले डेढ़ साल से बागपत जिला की महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के काम में लगे हैं। वे अपने NGO PKU CARE FOUNDATION के तहत इन महिलाओं और उनके बच्चों को शिक्षा और वोकेशनल ट्रेनिंग से से भी जोड़ रहे हैं।