मिलिए उत्तराखंड की सुपरवुमन बबीता रावत से, जिन्होंने 19 साल की छोटी-सी उम्र में अपनी पढ़ाई छोड़े बिना, एक एकड़ की जमीन पर खेती की, मशरूम उगाए, दूध बेचा और एक नर्सरी की शुरुआत की।
उत्तर प्रदेश के जलालाबाद में Solar Atta chakki mill चलाने वाले मोहन ने अपने बिजनेस को सोलर सिस्टम के जरिए पूरी तरह से आत्मनिर्भर बना लिया, जिससे उन्हें हर महीने हजारों की बचत हो रही है।
गुजरात के पाटण में रहनेवाली तन्वी बेन और उनके पति एक प्राइवेट जॉब कर रहे थे। लेकिन दोनों ने अपनी नौकरी छोड़ जैविक खेती करने का फैसला किया और अब बड़े पैमाने पर मधुमक्खी पालन कर लाखों कमा रहे हैं।
मिलिए सूरत के रामदास से, आठवीं पास करने के बाद से, वह मोची का काम कर रहे हैं। अपने काम से उन्हें इतना प्यार है कि आज इसी काम से उन्होंने अपना घर भी बना लिया और शहर भर में नाम भी कमा लिया।
दिल्ली के 50 वर्षीय बलवीर सिंह, पिछले कई सालों से शहर के फाइवस्टार होटल में गाड़ियां चलाने का काम कर रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के दौरान, उनकी नौकरी चली गई। हिम्मत हारे बगैर, उन्होंने अपने छोटे से स्कूटर पर ही अपना बिज़नेस शुरू कर दिया।
सूरत के मगन भाई का पूरा परिवार सालों से डायमंड बिज़नेस से जुड़ा था। लेकिन खेती और पशुपालन के अपने शौक़ के कारण, उन्होंने पांच साल पहले थोड़ी जमीन और दो गायें भी खरीदी थीं। कोरोना के कठिन दौर में पशुपालन ही उनके काम आया, चार भाइयों का पूरा परिवार आज डेयरी बिज़नेस से सालाना एक करोड़ का टर्नओवर कमा रहा है।
43 वर्षीय सुमित बचपन से गार्डनिंग के शौक़ीन रहे हैं। सालों तक वह अपने पिता के स्टूडियो को संभाल रहे थे, लॉ की पढ़ाई भी की, लेकिन आख़िरकार पिछले एक साल से उन्होंने अपने मन का काम करने के लिए सब छोड़कर नर्सरी बिज़नेस शुरू किया। उनके डिज़ाइनर पौधे लाखों में बिकते हैं।
IIT Madras के पूर्व छात्र आदित्य वीएस ने अपनी कंपनी ‘Tvasta Manufacturing Solutions’ के तहत, देश के पहले 3डी घर को अंजाम दिया था। अब उनकी इस कोशिश में आनंद महिंद्रा ने भी मदद करने की इच्छा जताई है।