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History Pages | Motivational History | Inspirational History \ इतिहास के वे भुला दिए गए नायक, जिनकी कहानियां हर भारतवासी को ज़ुबानी याद होनी चाहिए!

झांसी की रानी: क्या आप जानते हैं, अंग्रेज़ों से पहले किनसे लड़ी थीं रानी लक्ष्मीबाई?

झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की वीरता की कहानियां भले ही इसलिए मशहूर हैं, क्योंकि वह अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ी थीं, लेकिन इस वीरांगना ने उससे पहले भी कई ऐसी लड़ाईयां लड़ी थीं, जिनका ज़िक्र उनकी शौर्य गाथाओं में शामिल नहीं है।

लाला लाजपत रायः जिनकी सोच से मिला देश को पहला बैंक व आजादी की लड़ाई को अंतरराष्ट्रीय पहचान

पंजाब केसरी लाला लाजपत राय ने भारत का पहला स्वदेशी बैंक शुरू कर, देश को आर्थिक मजबूती देने में बड़ी भूमिका निभाई।

आचार्य विनोबा भावे: वह संत, जिन्होंने दिया लाखों गरीब किसानों को जीने का सहारा

आचार्य विनोबा भावे का जन्म 11 सितंबर 1895 महाराष्ट्र के गागोडे में हुआ था। वह एक महान समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थे। उनके जीवन पर महात्मा गांधी के विचारों का गहरा प्रभाव था। पढ़िए उनकी प्रेरक कहानी।

जानें, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की इस छोटी सी स्टूडेंट सोसायटी ने कैसे दिलाई थी भारत को आजादी

‘कैम्ब्रिज मजलिस’ ने भारतीय उपमहाद्वीप के छात्रों को वाद-विवाद, विमर्श और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए एक मंच प्रदान किया। पढ़ें, इस सोसायटी ने कैसे खोली थी भारत के आजादी की राह।

महाराजा रणजीत सिंह: ‘शेर-ए-पंजाब’ से कभी टकराने की हिम्मत न कर सके अंग्रेज, जानिए क्यों

महाराजा रणजीत सिंह को एक महायोद्धा के रूप में जाना जाता है। लेकिन, एक बार उन्हें अपने प्यार की खातिर, कोड़े भी खाने पड़े थे। पढ़ें पूरी कहानी।

Dr. Kitchlew: कौन था वह नायक, जिनकी गिरफ्तारी के विरोध में जलियांवाला बाग पहुंचे थे लोग?

डॉ. सैफुद्दीन किचलू एक बैरिस्टर, शिक्षाविद् और स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत में सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। जानिये उनके बलिदान की कहानी।

बिपिन चंद्र पाल: जानिए उस योद्धा के बारे में, जो गांधीजी की आलोचना करने से भी नहीं चूके

बिपिन चंद्र पाल ने अपने जीवन में कभी विचारों से समझौता नहीं किया और हमेशा समाज की भलाई के लिए प्रयासरत रहे। पढ़िए उनकी कहानी।

भारत को कृषि प्रधान देश बनाने में निभाई अहम भूमिका, क्या आप जानते हैं कौन थे चिदंबरम?

By अर्चना दूबे

चिदंबरम की कृषि विकास नीति की सफलता के बाद, आधुनिक तकनीकी और पद्धति के कारण 1972 में गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार हुई, जिसे हरित क्रांति कहा गया।

देशबंधु चित्तरंजन दास: जानिए उस शख्स के बारे में, जिन्हें नेताजी अपना गुरु मानते थे

चितरंजन दास ने एक वकील, राजनीतिज्ञ और पत्रकार के तौर पर भारत को अंग्रेजी हुकूमत से मुक्त कराने में जो भूमिका निभाई, उसकी कोई बराबरी नहीं कर सकता है। यही कारण है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस उन्हें अपना राजनीतिक गुरु मानते थे।

कूलर की घास में ऐसा क्या है खास, जिसे मुग़लों ने भी माना और फिजी जैसे देश ने भी अपनाया

कूलर की जिस घास को आप आम समझते हैं, दरअसल वह बड़ी खास है। मुगलों के ज़माने से इसे प्राक़तिक रूप से ठंडक और खुशबू के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है।