टैक्स फाइल करने की आखिरी तारीख बढ़ाने के साथ-साथ प्रोविडेंट फंड अकाउंट से पैसे निकालने की सुविधा देने तक, सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि COVID-19 से देश में जो परेशानियाँ हो रहीं हैं, उन्हें कुछ कम किया जाए!
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में श्रमिक दूसरे जिले से परिवार के साथ काम करने आए थे। इनका राशन खत्म हो गया था और छोटे-छोटे बच्चे बीमार थे। इस बीच इनको समझ नहीं आ रहा था कि कहाँ जाए और क्या करें?
"हम एक बार फुल बॉडी सूट पहन लेते हैं तो पूरी शिफ्ट के दौरान आठ घंटे इसे पहने रहते हैं। यह एक तरह का स्पेससूट जैसा होता है, जो एयरटाइट होता है। इसके बाद ना तो हम कुछ खा-पी सकते हैं, ना वॉशरूम जा सकते हैं और ना ही थोड़ी देर के लिए इसे उतार सकते हैं, और इस तरह हमलोग आइसोलेशन वार्ड के अंदर मरीज़ों की देखभाल करते हैं।”
दत्ता राम ने सोचा था कि इस साल की फसल के पैसों को वह ट्रैक्टर खरीदने के लिए लगाएंगे। लेकिन अपने गाँव के गरीब मजदूरों की स्थिति उनसे देखी नहीं गई और उन्होंने उनकी मदद करने की ठानी!
कोई अपनी ज़मीन दे रहा है तो कोई कर रहा है श्रमदान, किसी ने सरकारी एंबुलेंस ठीक करने की ठानी है, तो कोई मास्क बना रहा है। किसी ने किरायेदारों का किराया माफ किया, तो किसी ने अपने घर के दरवाज़े ज़रूरतमंदों के लिए खोल दिए। हर कोई अपने सामर्थ्य के अनुसार कोरोना से इस लड़ाई में अपनी-अपनी भूमिका निभा रहा है।
30 वर्षीय कौशिक विश्वनाथ न्यूयॉर्क शहर में काम करते हैं। उन्हें पता चला कि वह कोविड-19 से संक्रमित हैं। लेकिन कोविड-19 के साथ जंग में वह जीते और इस बीमारी से पूरी तरह उबरने के बाद द बेटर इंडिया के साथ अपने अनुभव साझा किए।
वर्तमान में, पूरे देश में लॉकडाउन है और ऐसे में अगर पैसे निकालना या जमा करना आपके लिए एक चुनौती बन रही है, तो आप इस होम-डिलीवरी सेवा का विकल्प चुन सकते हैं।