रोहतक (हरियाणा) की रहनावाली 19 वर्षीया शनन ढाका ने NDA परीक्षा के पहले महिला बैच में टॉप किया है। सेना के परिवार और कैंट एरिया में पली-बढ़ीं, शनन के लिए अपना करियर चुनना काफी आसान था। इसीलिए तो UPSC की तैयारी कर रहीं शनन को जैसे ही पता चला कि महिला उम्मीदवारों को भी NDA की परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी गई है, उन्होंने तुरंत इसके लिए आवेदन कर दिया।
एनडीए प्रवेश परीक्षा को पास करते हुए, उन्होंने महिलाओं के पहले बैच में टॉप कर इतिहास रच दिया। एनडीए बैच में दाखिले के लिए हुई परीक्षा में लड़कियों के बीच शनन ने पहली और ओवरऑल 10वीं रैंक हासिल की है और इसके साथ ही वह एनडीए में भर्ती होने वाली पहली महिला कैडेटों में से एक बन गई हैं।
हरियाणा के रोहतक के सुंदाना गांव की रहनेवाली शनन कहती हैं कि उन्हें सेना में जाने की प्रेरणा और सही माहौल उनके परिवार और मिलट्री स्कूल से मिला। शनन के दादा चंद्रभान, आर्मी में सूबेदार और पिता विजय कुमार ढाका ऑनरेरी नायब सूबेदार के पद से रिटायर्ड हैं।
एपीजे अब्दुल कलाम से प्रेरित हैं शनन
NDA परीक्षा में ओवरऑल 10वीं रैंक हासिल करने वाली शनन ने एक इंटरव्यू में बताया, “कैंट एरिया में रहते हुए, मैंने देखा कि सेना के अधिकारियों को काफी सम्मान मिलता है। साथ ही सेना के जवानों पर, लोगों के विश्वास ने मुझे सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। सेना में, गर्व और सम्मान के साथ राष्ट्र की सेवा करने का मौका मिलता है।”
वह दिवंगत राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से भी काफी ज्यादा प्रभावित और प्रेरित हैं, जिन्होंने अपने कौशल, दृढ़ संकल्प और ईमानदारी से अपने करियर की शुरुआत की और ऊंचाइयों तक पहुंचे।
हमेशा से पढ़ाई में अव्वल रहनेवाली शनन ने कक्षा 12वीं में 98.2 प्रतिशत और कक्षा 10वीं में 97.4 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे।
रुड़की, जयपुर और चंडीमंदिर (पंचकुला) के अलग-अलग आर्मी पब्लिक स्कूलों से पढ़ाई करने के बाद, उन्होंने पिछले साल दिल्ली युनिवर्सिटी के ‘श्रीराम कॉलेज फॉर विमेन’ से ग्रेजुएशन (B.A.) करने का फैसला किया।
उन्होंने सिविल सेवाओं या रक्षा सेवाओं में शामिल होने के मकसद से ही बीए करने का फैसला लिया था। जैसे ही महिलाओं को NDA में दाखिले की अनुमति मिली, तो उन्होंने तुरंत आवेदन कर दिया। उन्होंने एक बातचीत में कहा कि अगर महिलाओं को NDA में जाने की अनुमति नहीं मिलती, तो वह स्नातक होने के बाद, यानी तीन साल बाद संयुक्त रक्षा सेवा (CDS) परीक्षा में बैठतीं।”
कैसे की NDA की तैयारी?

NDA की प्रवेश परीक्षा के लिए उन्होंने कैसे तैयारी की, इस बारे में बात करते हुए, शनन ने बताया कि चूंकि उनका बेस मजबूत था, इसलिए उन्हें बहुत कठिन तैयारी नहीं करनी पड़ी। उन्होंने 40 दिनों तक रोजाना 8 से 10 घंटे पढ़ाई की और पिछले साल के प्रश्न पत्रों को हल करने से उन्हें इस परीक्षा में सफलता हासिल करने में मदद मिली।
एनडीए की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को सलाह देते हुए शनन ने कहा कि सेना में शामिल होने का उद्देश्य एक अधिकारी होने की लालसा और चमक के लिए नहीं होना चाहिए, बल्कि आपको केवल तभी इसमें आना चाहिए, जब आप देश के लिए मुश्किल से मुश्किल घड़ी में दिल और जान से काम करने के लिए तैयार हों।
फिलहाल पंजाब के जीरकपुर में रह रहीं शनन, तीन बहनों में दूसरे नंबर पर हैं। उनकी बड़ी बहन जोनून ढाका मिलिट्री में नर्सिंग अफसर के पद पर तैनात हैं, जबकि छोटी बहन अभी स्कूल में है।
इस परीक्षा में सफलता हासिल करने के बाद, अब शनन तीन साल पुणे स्थित प्रशिक्षण संस्थान में ट्रेनिंग करेंगी और उसके बाद एक साल तक भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से ट्रेनिंग लेंगी।
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