ईवी खरीद तो लें! मगर सारी परेशानी चार्जिंग स्टेशन (EV charging stations) की है। चाहे ऑफिस जाना हो या फिर लंबे रूट के लिए गाड़ी निकालनी हो, मन में एक डर हमेशा बना रहेगा कि रास्ते में कोई चार्जिंग स्टेशन मिलेगा भी या नहीं। ईवी की राह में चार्जिंग की समस्या एक बड़ी रुकावट है, तो वहीं देश में चार्जिंग स्टेशन की कमी के पीछे का कारण इसपर होने वाला खर्च है।
फिलहाल, इन दोनों परेशानियों को दूर करने के लिए अक्षित बंसल और राघव अरोड़ा अपने एक अनोखे स्टेटिक ऐप के साथ आगे आए हैं। ‘टेक-फर्स्ट स्टार्टअप’ से जुड़ा उनका यह ऐप न केवल आपके आस-पास के चार्जिंग स्टेशनों को खोजने में मदद करेगा, बल्कि दो तरह की चार्जिंग सर्विस भी मुहैया कराएगा। आप यहां अपने ईवी को सिर्फ 11 रुपये/ युनिट में चार्ज कर सकते हैं। अगर आपका मन बिजनेस की तरफ जाने का है, तो यह ऐप उसमें भी आपकी मदद करेगा।
बिज़नेस में कैसे करेगा मदद?
अक्षित ने अपने स्टार्टअप के बारे में बात करते हुए कहा, “यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां हमारे साथ कोई भी जुड़ सकता है। जिसके पास जमीन है और जो निवेश करना चाहता है वह भी और जो अपने चार्जर को हमारे प्लेटफॉर्म पर होस्ट करना चाहता है वह भी। हम अलग-अलग चार्जिंग पॉइंट ऑपरेटरों के साथ भी काम करते हैं।”

उन्होंने बताया कि जिनके पास अपना इलेक्ट्रिक वाहन है उनके लिए ऐप का इस्तेमाल करना आसान है। ऐप डाउनलोड करें, अपने नाम या फ़ोन नंबर के साथ लॉग इन करें और अपनी गाड़ी सलेक्ट करें (टु, थ्री या फिर फ़ोर व्हीलर)। फिर आपको एक मैप मिलेगा, जहां उपलब्ध चार्जिंग स्टेशन्स (EV charging stations) की पूरी जानकारी होगी।
गाड़ी चार्ज करने से पहले आपको अपने स्टेटिक वॉलेट में एक निश्चित राशि डालनी होगी। जैसे ही गाड़ी पूरी तरह से चार्ज हो जाएगी, यह अपने आप बंद हो जाएगा और जितना भी बिल होगा, वह आपके स्टेटिक ई-वॉलेट से अपने आप कट जाएगा। आपको कुछ करने की जरूरत नहीं होगी।”
ग्राहकों के लिए फायदे का सौदा
अक्षित बताते हैं, “उनके ये चार्जर्स उन ग्राहकों के लिए भी फायदे का सौदा हैं, जो इससे जुड़े बिजनेस में उतरना चाहते हैं। उपभोक्ताओं के लिए पेबैक अवधि (निवेश की लागत को वापस पाने में लगने वाला समय) बहुत कम है और पारंपरिक चार्जर की तुलना में निवेश पर रिटर्न अधिक है।”
राघव दावा करते हुए कहते हैं, “सभी स्टेटिक ईवी चार्जर एक इन-हाउस चार्जिंग स्टेशन मैनेजमेंट सिस्टम से जुड़े हैं, जो हमें और हमारे यूजर्स को समय-समय पर सभी तरह की जानकारी देते रहते हैं, जैसे- स्टेशन पर लगा चार्जर फिलहाल उपलब्ध है या नहीं, खराब या टूटा हुआ तो नहीं है। अगर कुछ समस्या है, तो इसके लिए आपको पहले ही चेतावनी मिल जाएगी। हमारे पास ऐसी जानकारियां मौजूद रहती हैं, जो कई अन्य चार्जिंग पॉइंट ऑपरेटरों के पास नहीं होंगी।”
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40 शहरों में 600 से ज्यादा EV Charging Stations
अक्षित बंसल और राघव अरोड़ा ने साल 2019 में ‘टेक-फर्स्ट स्टार्टअप’ की नींव रखी थी। लेकिन इसकी औपचारिक शुरुआत जनवरी 2020 में हुई। राघव ने बताया, “ईवी के निर्माण क्षेत्र में पहले से ही बहुत सारे उद्यम थे, जिस वजह से हमने ईवी चार्जिंग की तरफ रुख किया। हमने मार्केट में रिसर्च की, तो जाना कि ईवी की तुलना में चार्जिंग स्टेशन काफी कम हैं और यही कमी ईवी की खरीद को प्रभावित कर रही है। इस अंतर को पाटने के लिए हमने इस मार्केट में उतरने का फैसला किया।”
उनका स्टेटिक, दो तरह की चार्जिंग सुविधा देता है: धीमी और तेज। फिलहाल, 40 से ज्यादा शहरों में फैले 600 से अधिक चार्जिंग स्टेशनों से जुड़ा उनका यह ऐप, भारत के बढ़ते इलेक्ट्रिक वाहन बाजार की जरूरतों को पूरा करने की तरफ बढ़ रहा है। इन्होंने अपने इस दिल्ली-एनसीआर के ‘टेक-फर्स्ट स्टार्टअप’ स्टेटिक के जरिए, भारत के एक सबसे स्मार्ट ईवी चार्जिंग नेटवर्क का निर्माण किया है।
6,400 चार्जर्स की कुल ऑपरेटिंग इन्वेंट्री के साथ, इस स्टार्टअप का मकसद ईवी यूजर्स और वाहन निर्माताओं (ओईएम) के साथ-साथ, जमीन के मालिकों (जहां चार्जिंग स्टेशन स्थापित किया गया है) के लिए एंड-टू-एंड सेवा प्रदान करना है।

अक्षित कहते हैं, “हमारा विज़न भारत में सस्टेनेबल ट्रांसपोर्ट को संभव बनाना है। घरेलू स्तर पर चार्जिंग को लेकर काफी समस्याएं हैं। इन्हें दूर करने के लिए हमने ईवी चार्जर और चार्जिंग स्टेशनों के निर्माण की शुरुआत की। हम चाहते हैं कि हमारे ईवी चार्जर आपके घर, ऑफिस और हाईवे के साथ-साथ, आस-पास के शहरों में भी उपलब्ध हो। इसके अलावा, चार्जर की विश्वसनीयता और किफायती दाम जैसे मुद्दों पर भी हमारी नजर है। इन तीनों पर ही स्टेटिक टीम काम कर रही है।”
‘पूरी तरह से Made In India है हमारा चार्जर’
डेटा साइंटिस्ट और मशीन लर्निंग एक्सपर्ट राघव और इलेक्ट्रिकल इंजीनियर अक्षित दावा करते हैं कि उनके ये चार्जर्स पूरी तरह से स्वदेशी हैं। इनमें लगा कोई भी कंपोनेंट बाहर से इम्पोर्ट नहीं किया गया है, जबकि भारत में मिलने वाले अधिकांश चार्जर, यूरोपीय बाजार या चीन से मंगाए जाते हैं।
अक्षित इसकी खासियत बताते हुए कहते हैं, “हमारा चार्जर मार्केट में उपलब्ध बाकी चार्जरों से 40 प्रतिशत सस्ता है। भारतीय बाजार में एक 60kW DC चार्जर (फास्ट चार्जर) की कीमत लगभग 10-10.5 लाख रुपये है, जबकि हमारे 60kW DC चार्जर की कीमत लगभग 7.5 लाख रुपये है। हम सभी कंपोनेंट्स को इन-हाउस बनाते हैं और बाकी सामान भी स्थानीय बाजार से खरीदा जाता है। इसलिए इनके दाम बाकियों के मुकाबले कम हैं।”
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स्टेटिक EV Charging Stations पर यूज़र को कितना चार्ज करना होगा?
यह वाहन की बैटरी पर निर्भर करता है। स्टेटिक अपने उपभोक्ताओं से प्रति kWh के आधार पर शुल्क लेता है, न की खर्च किए गए समय के आधार पर। वे दोपहिया वाहनों से 11 रुपये प्रति यूनिट और चार पहिया वाहनों पर 16 रुपये प्रति यूनिट चार्ज करते हैं।
उनके चार्जिंग स्टेशन्स का सेंटर दिल्ली-NCR में है, इसके अलावा ये भारत में 40 से अधिक शहरों में फैले हैं। मुंबई, पुणे, हैदराबाद जैसे अन्य मेट्रो शहरों में भी ये मौजूद हैं और अभी बेंगलुरु में भी नेटवर्क बनाना शुरू किया है। मैंगलोर के फोरम, फिजा मॉल में एक फुल-स्टैक चार्जिंग स्टेशन का उद्घाटन किया गया है।
इसके अलावा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, एनएच 58 पर उनके चार्जिंग स्टेशन्स मिल जाएंगे। स्टेटिक ने पिछले साल कई चार्जिंग स्टेशन्स लॉन्च किए हैं। जहां गाड़ियों की आवाजाही काफी अधिक है, ऐसी जगहों पर वे रणनीतिक रूप से अपने नेटवर्क को मजबूत करने में लगे हैं।
EV Charging Stations का बिजनेस आसान, लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं

राघव कहते हैं, “ईवी चार्जिंग के बिजनेस में आना आसान है। बहुत छोटे उद्यमी भी चार्जर सॉफ्टवेयर ऑपरेटर आसानी से खरीद सकते हैं और ईवी चार्जिंग व्यवसाय में उतर सकते हैं। लेकिन जैसे-जैसे आप आगे बढ़ेंगे, बाजार में मौजूद कई चुनौतियां आपके सामने खड़ी हो जाएंगी।”
सिर्फ हमारे देश में ही नहीं विकसित देशों में भी ईवी चार्जर्स का कम उपयोग एक चिंता का विषय है। दरअसल, एक चार्जिंग स्टेशन को तैयार करने के लिए काफी पैसों की जरूरत होती है। अक्षित ने कहा, “हमने काफी कंपोनेंट इन हाउस बनाए हैं, इसलिए हमारे चार्जर सस्ते हैं। इससे निवेशकों को ज्यादा लाभ होगा। वे कम समय में अपनी लागत वसूल लेंगे।
फिलहाल, उनकी नजर हाइवे, मार्किट, ऑफिस और आवासीय सोसायटी पर है। उन्होंने बताया, “हमने एडपॉड नाम का एक अनोखा प्रोडक्ट बनाया है। यह विज्ञापन चैनलों के साथ एक चार्जर है। इसे आवासीय सोसाइटी में स्थापित किया जाएगा। जहां फ्री चार्जिंग की सुविधा मिलेगी। दरअसल, आमदनी का जरिया इस पर मिलने वाले विज्ञापन होंगे।”
कर रहे चार्जिंग अनुभव को बेहतर बनाने पर काम
स्टेटिक को शुरू में NASSCOM के 10,000 स्टार्ट-अप प्रोग्राम में शामिल किया गया था। इसने 2020 के समर कोहोर्ट में अमेरिकी तकनीनी स्टार्ट-अप एक्सलरेटर वाई कॉम्बिनेटर (वाईसी) के साथ अपनी यात्रा जारी रखी। स्टेटिक ने अक्टूबर 2020 में 100 चार्जर स्थापित करने की दिशा में 1.8 मिलियन डॉलर के सीड-फंडिंग राउंड को बंद करने में कामयाबी हासिल की है।
स्टेटिक चाहता है कि देश में कहीं भी ईवी चार्जर की तलाश करने वाले उपभोक्ताओं के लिए यह ऐप, वन-स्टॉप समाधान बन जाए। वे चार्जिंग अनुभव को बेहतर बनाने के लिए ओईएम के साथ भी काम कर रहे हैं।
मूल लेखः रिनचेन नोर्बु वांगचुक
संपादनः अर्चना दुबे
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