उन्हें अपने पर्सनल, किचन और होम क्लीनिंग प्रोडक्ट्स बनाने के लिए जो-जो चीजें खरीदनी पड़ती थी, उन्हें अब घर पर ही बनाकर वह हर महीने लगभग 10 हज़ार रुपये बचा लेती हैं।
"मैंने अपने कानों से लोगों को मुझे 'भिखारी' कहते हुए सुना है। कोई कहता कि देखते हैं कितने दिन तक यह मुहिम चलती है। भला एक रुपये में ऐसी क्या दुनिया बदल देगी।"