मनीष कुमार और पूजा भारती, IIT खड़गपुर में बैचमेट थे। साल 2016 में उन्होंने साथ मिलकर 'बैक टू विलेज' की नींव रखी, जिसके ज़रिए उनका उद्देश्य किसानों का उत्थान करना है!
स्लम सॉकर ने पहले 'झोपड़पट्टी' फुटबॉल से स्लम में पले-बढ़े बच्चों को पहचान दिलाई और अब फुटबॉल के ज़रिए ही वे मुक-बधिर बच्चों को एक नयी पहचान दे रहे हैं!
"ये बेडशीट सिर्फ नाम के लिए पुरानी थी क्योंकि सभी होटलों ने भेजने से पहले इन्हें अच्छे से धुलवाया और फिर इस्त्री करवाया था। सिर्फ एक महीने के अंदर-अंदर हमने इन बेडशीट से 1 लाख बैग बनाए और बाँटे!"