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निशा डागर

बातें करने और लिखने की शौक़ीन निशा डागर हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं. निशा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन और हैदराबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स की है. लेखन के अलावा निशा को 'डेवलपमेंट कम्युनिकेशन' और रिसर्च के क्षेत्र में दिलचस्पी है.

#गार्डनगिरी: पहली बार पेड़-पौधे लगा रहे लोगों के लिए एक्सपर्ट की सलाह!

By निशा डागर

पेड़-पौधे लगाने का सबसे अच्छा समय कौन-सा है? किस तरह से मिट्टी तैयार करें?। पेड़ों को कीट से कैसे बचाएं? यदि आपके भी कुछ ऐसे ही सवाल हैं, तो आज आपको इन सभी के उत्तर मिल जायेंगे!

पुरानी-बेकार चीजों से उपयोगी प्रोडक्ट बना रहीं हैं यह सिविल इंजीनियर, 1 करोड़ है सालाना टर्नओवर!

By निशा डागर

पूर्णिमा सिंह ने अपने व्यवसाय की शुरुआत सिर्फ 3 महिला कारीगरों के साथ की थी और उनकी पहली कमाई मात्र 20 हज़ार रुपये थी!

कोरोना वायरस अलर्ट: आपकी सेहत का ख्याल रखेंगे ये 5 नैचुरल प्रोडक्ट्स!

By निशा डागर

आप चाहे किसी भीड़ वाली जगह पर यात्रा करें या फिर आपको खांसी-जुकाम हो, ये चीजें हमेशा आपके साथ होनी चाहिए ताकि आप इंफेक्शन से बच सकें!

समुद्री जीवों को खुश रखने के लिए इस युवती ने शुरू किया 'द हैप्पी टर्टल'!

By निशा डागर

हर साल 10 लाख समुद्री जीव प्लास्टिक के कचरे की वजह से मरते हैं और इसे सिर्फ आप रोक सकते हैं, जानिए कैसे!

कोरोना वायरस अलर्ट: कैसे करें आपातकालीन स्थिति की तैयारी और किन चीज़ों की खरीददारी!

By निशा डागर

अगर आप या परिवारवाले किसी बीमारी के चलते रेग्युलर मेडिसिन पर हैं, तो आप ये दवाइयां स्टॉक में खरीद सकते हैं ताकि दो महीने तक काम चल जाए।

कोरोना वायरस अलर्ट: हाथों को धोने का सही तरीका, ताकि बच सकें इंफेक्शन से!

By निशा डागर

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सबसे ज़रूरी है कि हम बार-बार साबुन से अपने हाथ धोएं लेकिन कुछ जरूरी बातें ध्यान में रखकर!

कोरोना वायरस: इन्फेक्शन का है शक, तो ऐसे बरत सकते हैं सावधानी!

By निशा डागर

हर 6- 8 घंटे में इस मास्क को डिस्पोज करें। हाथों को साबुन से धोकर ही नया मास्क पहनें। किसी भी कीमत पर मास्क को फिर से इस्तेमाल न करें!

एक महिला सेनानी का विरोध-प्रदर्शन बन गया था ब्रिटिश सरकार का सिरदर्द!

By निशा डागर

अंग्रेजों द्वारा शराब की दुकान खोलने और अफीम उगाने के विरोध में बसंतलता और उनकी महिला साथियों ने मोर्चा खोला था। ये 'स्वदेशी आंदोलन' इस कदर बढ़ा कि अंग्रेजों को इसे रोकने के लिए सर्कुलर निकालना पड़ा!