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निशा डागर

बातें करने और लिखने की शौक़ीन निशा डागर हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं. निशा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन और हैदराबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स की है. लेखन के अलावा निशा को 'डेवलपमेंट कम्युनिकेशन' और रिसर्च के क्षेत्र में दिलचस्पी है.

बंटवारे के समय बिछड़ा यह सिख भाई 71 साल बाद मिला अपनी मुसलमान बहनों से!

By निशा डागर

हाल ही में बेअंत सिंह 3000 सिख श्रद्धालुओं के साथ हैं अटारी बॉर्डर से नानक जयंती के मौके पर पाकिस्तान के पंजाब में ननकाना साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेकने के लिए पहुंचे। पुरे 71 साल बाद यहाँ उन्होंने अपनी दोनों बहनों से मुलाकात की, जिनसे वे भारत-पाक बंटवारे के समय बिछुड़ गये थे।

गाँव में पानी न होने के चलते छोड़नी पड़ी थी खेती, आज किसानों के लिए बना रहे हैं कम लागत की मशीनें!

By निशा डागर

राजस्थान में सीकर जिले के गिरधारीपुरा गाँव के निवासी श्रवण कुमार बाज्या को हाल ही में नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन- इंडिया द्वारा सम्मानित किया है। उन्हें यह सम्मान उनके द्वारा बनाई गयी एक मशीन 'अनियन हार्वेस्टर' के लिए मिला है।

92 से 60 किलोग्राम! फिटनेस के प्रति जागरूकता ने बनाया मुंबई पुलिस के इस कांस्टेबल को 'आयरनमैन'!

By निशा डागर

मुंबई पुलिस के शंकर उथले ने 17 नवंबर 2018 को आयरनमैन रेस में भाग लिया। उन्होंने 16 घंटे और 15 मिनट में इसे पूरा किया और इसी के साथ वे मुंबई पुलिस फाॅर्स के पहले कांस्टेबल 'आयरनमैन' बन गये हैं। यह रेस विश्व का मशहूर ट्रायथलॉन इवेंट है।

जानिए कौन हैं सुनील अरोड़ा; अगले महीने से संभालेंगें मुख्य चुनाव आयुक्त का पद!

By निशा डागर

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुनील अरोड़ा को मुख्य इलेक्शन कमिश्नर नियुक्त किया है। बताया जा रहा है कि सुनील अरोड़ा अगले महीने यानी कि 2 दिसंबर से कार्यभार संभालेंगें। उनसे पहले इस पद को ओपी रावत संभाल रहे थे। 

गणेश वासुदेव मावलंकर : स्वतंत्र भारत के प्रथम लोकसभा अध्यक्ष!

By निशा डागर

गणेश वासुदेव मावलंकर का जन्म 27 नवम्बर, 1888 को गुजरात के वडोदरा में हुआ था। वे भारत के प्रसिद्द स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत की स्वतंत्रता के बाद ये लोकसभा के प्रथम अध्यक्ष बने थे। भारत की इस महान विभूति का 27 फ़रवरी, 1956 को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।

हिन्दी कविता को एक नयी उड़ान देने वाले 'उन्‍मुक्‍त गगन के पंछी' शिवमंगल सिंह 'सुमन'!

By निशा डागर

शिवमंगल सिंह का जन्म 5 अगस्त 1915 को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के झगेरपुर में हुआ था। वे मशहूर हिंदी लेखक व कवि थे। अध्यापन के अलावा विभिन्न महत्त्वपूर्ण संस्थाओं और प्रतिष्ठानों से जुड़कर उन्होंने हिंदी साहित्य में योगदान दिया। 27 नवंबर 2002 को उनका निधन हो गया था।

26/11 : जन्मदिन पर खोया था पिता को; उनकी याद में आज संवार रहें हैं आदिवासी बालिकाओं का जीवन!

By निशा डागर

मुंबई में हुए 26/11 आतंकवादी हमले के दस साल बाद, आज द बेटर इंडिया उन सभी साहसी लोगों को श्रद्धांजलि देता है जो उस दिन बहादुरी से लड़े और वो लोग जिनकी लड़ाई आज भी जारी है। चीफ टिकेट इंस्पेक्टर एस.के शर्मा की मौत के बाद उनके बेटे और उनकी पत्नी ने उनके नाम से आदिवासी लडकियों को शिक्षा देने के लिए एक संस्था शुरू की है।

26/11 : अँधेरे और ज़हरीली गैस के बीच ताज होटल में आतंकवादियों का सामना करते रहें विश्वास नांगरे और उनकी टीम!

By निशा डागर

मुंबई में हुए 26/11 आतंकवादी हमले के दस साल बाद, आज द बेटर इंडिया उन सभी साहसी लोगों को श्रद्धांजलि देता है जो उस दिन बहादुरी से लड़े और वो लोग जिनकी लड़ाई आज भी जारी है। आईपीएस विश्वास नांगरे पाटिल हमले के समय ताज होटल पहुंचने वाले पहले अफसर थे। इंडियन नेवी के आने तक वे आतंकवादियों से लड़ते रहे।

26/11 : इस रेलवे एनाउंसर की एक घोषणा ने बचायी थीं सैकड़ों जिंदगियां!

By निशा डागर

मुंबई में हुए 26/11 आतंकवादी हमले के दस साल बाद, आज द बेटर इंडिया उन सभी साहसी लोगों को श्रद्धांजलि देता है जो उस दिन बहादुरी से लड़े और वो लोग जिनकी लड़ाई आज भी जारी है। मुंबई रेलवे एनाउंसर विष्णु दत्ताराम जेंदे ने उस दिन खतरे को भांपते हुए घोषणा कर लोगों को स्टेशन से बाहर जाने के लिए कहकर अनगिनत लोगों की जान बचायी थी।

26/11 : 10 साल की इस बच्ची ने कसाब के ख़िलाफ़ गवाही देकर पहुँचाया था उसे फाँसी के फंदे तक!

By निशा डागर

मुंबई में हुए 26/11 आतंकवादी हमले के दस साल बाद, आज द बेटर इंडिया उन सभी साहसी लोगों को श्रद्धांजलि देता है जो उस दिन बहादुरी से लड़े और वो लोग जिनकी लड़ाई आज भी जारी है। मुंबई की देविका रोत्वानी को उस हमले में पैर में गोली लगी। मात्र 10 साल की उम्र में उन्होंने अजमल कसब के खिलाफ गवाही दी थी।