‘आयरनमैन रेस’ विश्व के सबसे ज्यादा मशहूर इवेंट्स में से एक है। इस रेस के लिए प्रतिभागियों को 3.8 किलोमीटर तैरना होता है, फिर 180.2 किलोमीटर तक साइकिल चलानी होती है और फिर 42.2 किलोमीटर तक दौड़ना होता है। इसे पूरा करने के लिए निर्धारित समय है 17 घंटे और प्रतिभागियों को बिना कोई ब्रेक लिए इसे पूरा करना होता है।
हाल ही में, मुंबई पुलिस के शंकर उथले ने इस रेस को 16 घंटे और 15 मिनट में पूरा किया और इसी के साथ वे मुंबई पुलिस फाॅर्स के पहले कांस्टेबल ‘आयरनमैन’ बन गये हैं।

अगर एक साल पहले की बात करें तो कांस्टेबल शंकर का वजन 92 किलो था और उनकी गिनती फाॅर्स के सबसे अनफिट सिपाहियों में होती थी। लेकिन शंकर ने ठाना कि उन्हें अपना वजन कम करना है और उन्होंने इसके लिए जी-तोड़ मेहनत करना शुरू किया।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया को उन्होंने बताया, “मुझे पता था कि मुझे दौड़ना होगा वरना मैं खुद पर और अपने काम पर बोझ बन जाऊंगा। मैंने सुबह 5 बजे उठकर दौड़ना शुरू किया।” एक बार शुरुआत करने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। धीरे-धीरे उन्होंने महाराष्ट्र में होने वाले अलग-अलग मैराथन में भाग लेना शुरू कर दिया।
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उन्होंने अपने रूटीन में और भी कई गतिविधियों को जोड़ना शुरू किया। मैराथन इवेंट्स में शंकर की मुलाकात फिटनेस उत्साही लोगों से हुई और साथ ही उन्हें आयरनमैन रेस जैसी प्रतियोगिताओं के बारे में पता चला।

उन्होंने कहा, “मेरे मैराथन के दौरान, मैंने आयरनमैन रेस के बारे में सुना था। मैंने इसके लिए तैयारी शुरू की। मैंने बारिश में साइकिल चलाना शुरू कर दिया। मैं सुबह 5:00 बजे से 10:00 बजे तक साइकिल चलाता था। मैंने तैराकी सीखी हुई थी, लेकिन फिर मैंने तकनीक पर ध्यान दिया।”
17 नवम्बर 2018 को उन्होंने मलेशिया में इस प्रतियोगिता में भाग लिया और इसे जीता भी।
इस साल की शुरुआत में, मेजर जनरल विक्रम डोगरा इस ट्रायथलॉन को पूरा करने वाले पहले भारतीय सेना अधिकारी बने। पूर्व समुद्री कमांडो और 26/11 सर्वाइवर प्रवीण तेवतिया अप्रैल 2018 में देश के पहले दिव्यांग आयरनमैन बने थे। आईपीएस अधिकारी कृष्णा प्रकाश ने इस वर्ष मई में अल्ट्रामैन की दौड़ में भाग लिया और दौड़ समाप्त करने वाले पहले भारतीय सिविल सर्वेंट बने।
ये “आयरनमैन” निश्चित रूप से एक स्वस्थ और फिट इंडिया के लिए प्रेरणा हैं।