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निशा डागर

बातें करने और लिखने की शौक़ीन निशा डागर हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं. निशा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन और हैदराबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स की है. लेखन के अलावा निशा को 'डेवलपमेंट कम्युनिकेशन' और रिसर्च के क्षेत्र में दिलचस्पी है.

मुसलमानों के रहबर-ए-आज़म और हिन्दुओं के दीनबंधु, जिनकी वजह से बने किसानों के हित में कानून!

By निशा डागर

मुस्लमानों के रहबर-ए-आज़म और हिन्दुओं के दीनबंधु सर छोटूराम का जन्म 24 नवम्बर 1881 में झज्जर के छोटे से गांव गढ़ी सांपला में बहुत ही साधारण किसान परिवार में हुआ। उन्होंने वकालत की डीग्री ली। ताउम्र उन्होंने किसानों और गरीबों के लिए काम किया। 9 जनवरी 1945 को उनका निधन हुआ।

सखाराम गणेश देउस्कर: 'बंगाल का तिलक,' जिसकी किताब पर अंग्रेज़ों ने लगा दी थी पाबंदी!

By निशा डागर

देउस्कर ने बहुत सारे ऐसे लेख लिखे, जिनका उद्देश्य भारतीय जनता को अपने अतीत और वर्तमान का ज्ञान कराना था। सखाराम गणेश देउस्कर

"मैं और मेरी दादी सबसे अच्छे दोस्त हैं"!

By निशा डागर

एक दादी और पोते के अनमोल रिश्ते की कहानी। मुंबई में रहने वाले ये दादी-पोते एक दुसरे के सबसे अच्छे दोस्त है। एक का बचपन अभी गया ही नहीं और एक अपने जीवन के अंतिम पड़ाव पर फिर से बचपन को जी रहीं हैं।

'मलकानगिरी का गाँधी' जिससे डरकर, अंग्रेज़ों ने दे दी थी फाँसी!

By निशा डागर

लक्ष्मण नायक का जन्म 22 नवंबर 1899 को कोरापुट में मलकांगिरी के तेंटुलिगुमा में हुआ था। वह भूयान जनजाति से संबंध रखते थे। उन्होंने आदिवासी आधिकारों के लिए ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विद्रोह किया। बाद में वे कांग्रेस के अभियान से जुड़ गये। 29 मार्च 1943 को बेरहमपुर जेल में उन्हें फांसी दी गयी।

शांति घोष: वह क्रांतिकारी जिसने 15 साल की उम्र में ब्रिटिश अधिकारी को गोली मारी!

By निशा डागर

शांति घोष भारत के स्वतंत्रता संग्राम की क्रान्तिकारी वीरांगना थीं। उनका जन्म 22 नवंबर 1916 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हुआ था। उन्होंने 15 साल की उम्र में एक अंग्रेजी अधिकारी को गोली मारी थी। उन्होंने अपनी आत्मकथा 'अरुणबहनी' नाम से लिखी। साल 1989 में 28 मार्च को उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली।

इस सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल का दिन शुरू होता है शौचालय की सफाई से!

By निशा डागर

कर्नाटक के चामराजनगर जिले के होंगहल्ली गांव में सरकारी प्राथमिक स्कूल के हेडमास्टर बी महादेश्वर स्वामी का दिन साफ़- सफाई से शुरू होता है। स्कूल के शौचालय से लेकर कक्षाओं तक सफाई हेडमास्टर साहब खुद करते हैं। उनके प्रयासों से स्कूल में काफी बदलाव आया है।

झलकारी बाई : झाँसी की रानी की परछाई बन, जिसने खदेड़ा था अंग्रेज़ों को!

By निशा डागर

झलकारी बाई का जन्म 22 नवम्बर 1830 को उत्तर प्रदेश के झांसी के पास के भोजला गाँव में एक निर्धन कोली परिवार में हुआ था। बताया जाता है कि रानी लक्ष्मी बाई की ही तरह उनकी बहादुरी के चर्चे भी बचपन से ही होने लगे थे। झलकारी बाई को युद्ध के दौरान ‎4 अप्रैल 1858 को वीरगति को प्राप्त हुई।

सी. वी. रमन: पहले भारतीय जिन्हें विज्ञान के क्षेत्र में किया गया था नोबेल पुरुस्कार से सम्मानित!

By निशा डागर

CV Raman रमन इफ़ेक्ट की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार पाने वाले भौतिक वैज्ञानिक सर चन्द्रशेखर वेंकट रमन भारत के एक महान वैज्ञानिक थे।

प्रतिमा पुरी: देश की पहली न्यूज़रीडर बन, जिन्होंने महिलाओं के लिए खोले थे न्यूज़रूम कर दरवाज़े!

By निशा डागर

साल 1965 में आकाशवाणी भवन के स्टूडियो सभागार से 15 अगस्त को नियमित दूरदर्शन प्रसारण शुरू किया गया था। सबसे पहला न्यूज़ बुलेटिन पुरे पांच मिनट का था और इसे प्रेजेंट किया प्रतिमा पुरी ने। हिमाचल प्रदेश की प्रतिमा देश की पहली महिला न्यूज़ एंकर थीं।

अजनबी लड़की के सम्मान के लिए अंजान यात्री से लड़ने वाले इस युवक को मिल रहा है देश भर से प्यार!

By निशा डागर

नीदरलैंड के एक विश्वविद्यालय में डीन के तौर पर कार्यरत निशांत शाह फ्लाइट से अपने घर लौट रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि विंडो सीट पर बैठा एक यात्री मिडिल सीट पर बैठी लड़की के साथ छेड़खानी कर रहा है। निशांत ने बिना कुछ सोचे उस आदमी को थप्पड़ जड़ दिया। उन्होंने इस घटना के बारे में सोशल मीडिया पर शेयर किया।