अमिताभ 2003 में इंग्लैंड गए और ब्रिटिश सरकार के सोशल वेलफेयर बोर्ड लंदन में करीब 10 साल तक काम किया। इस सरकारी नौकरी से वह दुनिया का हर ऐशो-आराम हासिल कर सकते थे, लेकिन उनकी मंजिल कुछ और थी।
मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के साथ ही राजस्थान, उत्तर प्रदेश और गुजरात आदि राज्यों में सुनील ने पौधारोपण किया है। आज उनके कई पौधे पेड़ बनकर लोगों को राहत पहुंचा रहे हैं।
शुरुआत में जब उन्होंने आसपास के लोगों से बचा हुआ खाना माँगा तो सभी खुशी-खुशी इसके लिए तैयार हो गए। किसी ने कभी कोई एतराज नहीं जताया, उल्टा जो समाज के लिए कुछ करना चाहते थे वे भी उनके साथ हो गए।
जब कुत्तों के बीच रहते हुए आप सुरक्षित रूप से बड़े हो गए, तो आपका बच्चा भी सुरक्षित है, क्योंकि कुत्ते बेवजह किसीको परेशान नहीं करते। प्रेम बांटने पर प्रेम ही मिलता है, नफरत नहीं।’
शिवांगी भोपाल के जाटखेड़ी इलाके में रहती हैं और यहां आसपास रहने वाले सभी लोगों को पता है कि यदि किसी भी जानवर को कोई आंच आई, तो फिर शिवांगी के प्रकोप से उन्हें कोई नहीं बचा सकता।