शाकाहारी मगरमच्छ के नाम से मशहूर बाबिया अब इस दुनिया में नहीं रहा। केरल के अनंतपद्मनाभ स्वामी मंदिर में 70 सालों से रहने वाला यह मगरमच्छ भक्तों के सामने प्रकट होकर आशीर्वाद देता था और प्रसाद खाता था।
देवयानी सिंह का सेलेक्शन सेंट्रल ऑडिट विभाग के लिए हुआ था और इसके लिए उन्होंने ट्रेनिंग शुरू कर दी थी, लेकिन इसके साथ ही वह यूपीएससी की तैयारी भी करती रहीं।
मुंबई की 66 वर्षीया एक बुज़ुर्ग महिला कैसी होंगी? आप कल्पना करेंगे एक दादी की, जो रिटायरमेंट के बाद घर पर आराम करती होंगी, दिनभर में थोड़ा-बहुत वॉक कर लेती होंगी। है न? लेकिन नहीं, पुष्पा केया भट्ट एक मैराथन रनर हैं, कई मुश्किल चुनौतियां पार कर चुकी हैं और हफ़्ते में 17 से 20 घंटे वर्कआउट करती हैं।
गौरी सावंत, जो सिर्फ़ 17 साल की उम्र में अपना घर छोड़ने पर मजबूर हो गईं, क्योंकि उनके व्यक्तित्व को समाज ही नहीं, बल्कि उनके खुद के पिता ने भी नहीं समझा। अनगिनत मुश्किलों के बावजूद, आज उन्होंने अपनी एक पहचान बनाई है। सुष्मिता सेन की आने वाली वेब सीरीज़, दुनिया को दिखाएगी उनके संघर्षपूर्ण जीवन की कहानी।
‘स्नेक मैन’ के नाम से मशहूर बिहार के हरिओम चौबे का सांपों से अनोखा जुड़ाव देख, बचपन में घरवालों ने उन्हें यह काम करने से रोका। लेकिन हरिओम ने फिर भी सालों तक जानकारी इकट्ठा की, सांपो के बारे में सब कुछ पढ़-जानकर उन्हें रेस्क्यू करना शुरू किया। आज वह गांव में दूसरा रेस्क्यू सेंटर बनाने की तैयारी में हैं।
कोई कारगिल युद्ध की दमदार योद्धा बनकर उभरीं, तो किसी को नारी शक्ति पुरस्कार से किया गया सम्मानित, मिलिए इतिहास रचने वालीं भारतीय वायुसेना की इन 10 जांबाज़ महिला पायलट्स से!
भारतीय रेलवे की ट्रेनों में और स्टेशनों पर स्वच्छता की योजना को नए स्तर पर ले जाने वाले फेडरिक पैरियथ ने न केवल अपनी नौकरी की, बल्कि पर्यावरण के प्रति अपनी ज़िम्मेदारियां भी बखूबी निभाईं। उन्हीं के कारण अहमदाबाद रेलवे स्टेशन का कायाकल्प हो सका और आज यह कई सस्टेनेबल तरीक़ों से काम करता है।
केरल के कासरगोड में नारायणी नाम की एक टीचर बच्चों को पढ़ाने के लिए पिछले 50 सालों से हर दिन 25 किमी पैदल चल रहीं हैं। यह उनके इस अद्भुत सफ़र की कहानी है।